Corona Vaccine / भारत में तीन दवा कंपनियों ने मांगी है इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाज़त, जानिए पूरा समीकरण

Vikrant Shekhawat : Dec 14, 2020, 08:52 PM
नई दिल्ली: यूके और यूएस में कोरोना की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिलने के बाद वहां के लोगो को वैक्सीन मिलना शुरू हो गई है। ऐसे में भारत में भी लोगों को इंतज़ार है कि आखिर कब तक कोरोना की वैक्सीन मिलेगी। भारत में भी कई वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं। वहीं, कई दवा कंपनियों ने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए अनुमति मांगी है। ऐसे में आपको बताते हैं कि कौन सी वैक्सीन का ट्रायल कितना हुआ है और किसने अनुमति मांगी है।

भारत में इस समय कुल 8 वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं। ये सभी ट्रायल अलग लग चरणों में हैं। कुछ एडवांस स्टेज पर हैं, तो कुछ तीसरे चरण के अंतिम में हैं।

- ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रेजनेका कि वैक्सीन कोवीशील्ड (Covishield) जिसका ट्रायल सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में कर रही है। इस वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण चल रहा है और अंतिम दौर में है। साउथ एडिशन के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की अनुमति मांगी है।

- भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और आईसीएमआर द्वारा बनाई जा रही, वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) का भी ट्रायल तीसरे चरण में चल रहा है। इसका ट्रायल और निर्माण करने वाली भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने डीसीजीआई से इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की अनुमति मांगी है।

- Zydus Cadilla और डिपार्टमेंट में बायोटेक्नोलॉजी की वैक्सीन ZyCoV- D का दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है। जल्द ही इसका तीसरा चरण शुरू होने की उम्मीद है।

- रूस के गमेल्या नेशनल सेंटर और डॉ रेड्डी लैबोरेटरी द्वारा भारत में स्पूतनिक V का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है। इस वैक्सिंग के ट्रायल का दूसरा चरण पूरा हो चुका है, जबकि जल्द ही तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत होगी।

- पुणे की दवा कंपनी Genova और HDT, USA की वैक्सीन HGCO 19 के ट्रायल को भारत में अनुमति मिल गई है। ये पहली स्वदेशी वैक्सीन है जो की MRNA तकनीक पर बनी है। इसका ट्रायल जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

- सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे और NOVAVAX मिल कर वैक्सीन का भारत में ट्रायल करेंगे। ये कोलेब्रेशन NVX-CoV2373 के लिए हुआ है। दोनों कंपनी ने इस वैक्सीन के भारत में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी है, जिस पर फैसला होना बाकी है। हालांकि इसपर विचार जारी है।

- हैदराबाद की Biological E ltd और MIT,USA मिलकर recombitanat प्रोटीन एंटीजन बेस्ड वैक्सीन पर काम कर रहे है। इस वैक्सीन का एनिमल ट्रायल हो चुका है। वहीं क्लीनिकल ट्रायल जल्द शुरू हो जाएगा।

- भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और Thomas Jefferson University,USA मिलकर इनेक्टिवेटेड रेबीज वेक्टर प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन तैयार कर रहे हैं। इस वैक्सीन का प्री क्लीनिकल ट्रायल एडवांस स्टेज पर है।

इन आठ वैक्सीन का इस समय भारत में ट्रायल अलग चरण में है। वहीं स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीती आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वी के पॉल ने बताया कि खुद पीएम मोदी सब वैक्सीन से जुड़ी कंपनी, मैन्युफैक्चरर, वैज्ञानिकों से बात कर चुके हैं।

वहीं, भारत में अब तक कुल तीन दवा बनाने वाली कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मांगी है। ये कंपनी है फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड। इसमें से फाइजर को छोड़ बाकी दोनों दवा कंपनी के वैक्सीन का भारत में ट्रायल हुआ है।

इन तीन कंपनी के आवेदन के बाद CDSCO यानी सेन्ट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें तीनों कंपनियों का डाटा रिव्यू होना था। इसे लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने जहां भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया से कुछ और डाटा मांगा है। वहीं फाइजर ने कुछ वक्त मांगा था। इसलिए एक और बार इस कमेटी की बैठक होगी, जिसके बाद वो अपनी सिफारिश डीसीजीआई के पास भेजेंगे।

फिलहाल भारत में आठ वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और तीन दवा कंपनियों ने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए अनुमति मांगी है। सरकार और स्वास्थ्य मामलों के जानकारों के मुताबिक जल्द ही भारत को कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी। इसे देने के लिए सरकार ने प्राथमिकता सूची भी तैयार कर ली और कैसे दिया जाएगा इसकी पूरी व्यवस्था भी कर ली है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER