देश / धरती के बगल से 34KM प्रति सेकेंड की गति से गुजरी मुसीबत, टल गया खतरा

Zoom News : Mar 22, 2021, 10:11 AM
Delhi: रविवार रत अंतरिक्ष से आह एक मुसीबत से बच गड़ी। यस सल का सबसे बड़ा एस्टेरॉय मेडा। इस एस्टेरियोर का नाम है 2001 एफओ 32। यह धरती के बगल से 1.24 किलोमीटर निर्भरता की गेटि से निना था। यानी 34.44 किलोमीटर प्रिटी सेपेड की दुकानें। इस्की गती ही इसके एसएएन वेसी गार्ड या वास्तु पर ताबही लाने के लिए काफी है।

एएसटीईयॉयड 2001 एफओ 32 रविवार रत करब 9 बचे के आस्पास धीरती से 20 लहर किलोमेट्टर दूर से निक्स गाया। अंतरिक्ष की दुनिया में यह गति बहुत ज्यादा नहीं होती लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक 2230 फीट से ज्यादा चौड़ाई वाले इस एस्टेरॉयड से कोई खतरा नहीं था। 

नासा के साइनेटिस्ट्स का दामा है कि इसी इटनी अधिकता के बारे में इस्की एर्बिट है। Y ji jarbit में झूम रहने है कि सूर्य की तेकत उल्लेख मिल भी है। यह धरती की भीफ 39 डिगरी घुका हुआ था। इसके इंकाव की वजह से सूर्य के ज्यादा नजदीक विंच जागता है। इटना नजदीक जनना बुध गिह भी नहीं है। 

इटली केसेनो स्थिति वर्चुअल टेलिस्कोप के एस्ट्रोफिजिसिस जियालुका माजी ने कहा कि 2001 एफओ 32 को धतरती के बगल से गुजरने से थे। Ye Inturibrus में एक बेहद चम्मचार वसितु की ओरह गुजर छाँढा। अपनी काटता में घमते हुए यह सूर्य की तरफ तेजी से यह है, जबकि प्रल्पस मंगल ग्रह की भीड़ जाबरी इस्की गतीक हो जा है। 

एएसटीईयॉय 2001 एफओ 32 को सूर्य का एक चक्कर लगाना में करना 810 दिनेत है। यानी धरती के हियाब से करब दो साल का समय। Ke sdiiers sé yh सूर्य का चक्कर लेने वाला है लेकिन इसल्त आज तक में भी धरती की तरफ की तीखा खतरे काई आषिका नहीं था। इसके बाएरे में 20 साल झाले पाला था। तेब से लगातार इस्की निगरानी की जा रही है। 

सेंटर फॉर नीयर अर्थ ओब्गेन्ट्स (सीएनईओएस) के निदेशक पॉलीस ने भोरोसा दादास ने भोरोसा दिलाया था इस बार की कोई उम्मद नहीं है कि एस्टेरॉयड 2001 एफओ 32 प्रशिक्षित भी धरती के नजदीक आएगा। क्या 20 लाख किलोमीटर की दरी से निकलेगा। मैमूली उत्तर दिआई पक्का हिसता है लेकर इससेता आठथी को खतरा नहीं है। 

क्षुद्रग्रह 2001fo32 कोड़ी बार 2001 में न्यू मैक्सिको के सोकोरो में स्थिति लिंकन नीकर अर्थ एस्ट्रोरियम रिसर्र्च (रैखिक) के वैजानिका नंगा था। नासा के नॉविस स्पेस टेलिस्कोप के आंचन के आनुसार इस्की चौदाई 1300 से 2230 फीट के आसीन हो सकती है। नासा के मुताबिक यह इस साल का सबसे बड़ा एस्टेरियोरियल है जो ध्यती के बगल से गुजरा है।

इससे 2 2 9 2020 में 1998 ओआर 2 एएसटीईयोरियम धीरत के बगल से गुजररा था। 2001FO32 ESTEROYUD 1998 OR2 से थोडा छटा है। लेकिन यह धरती के लिए गुना ज्यादा करीब से निकला है। एरिजोना यूनिवर्सिटी के लूनर और प्लैनेटरी लेबोरेटरी में एसोसिएट प्रोफेसर विष्णु रेड्डी ने बताया कि हम टेलिस्कोप से इस एस्टेरॉयड की जियोलॉजी का अध्ययन करना चाहते हैं। प्रेयास भी कर रहे हैं। 

हवाई द्विप पर्थी मॉना किया पहाड़ पर बने नासा के इन्फ्रार्ड टेलिस्कोप फैसिलिटी से क्षुद्रग्रह 2001fo32 के रासायनिक तितवों की खजबीन भी की जा रही है। यह प्रियस भीया जा रहा है कि नागा के डीप स्पेस नेटवार्क के रेडियो एंथिना से सिगनल भजकर एस्टेरॉय के साथ ही आकाश का नामा जागा। यह भी़ा चल स्के कितनी तेजी से छूम रह है, इस में गड्ढे या नहीं। सवाफ रविवार की रत 9 दो एस्टरॉयड 2001FO32 धरती के बगल से निहे हैं। इससे 97 फीट चौड़ा एस्टेरिययड 2021 एफएच 1 फी धरती के 9.73 लहर किलोमीटर दूर से निकला था। इस्की खोज बी 1 9 मार्च को बुई था।

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