लखनऊ / उन्नाव केस विधायक ने पूरा परिवार उजाड़ दिया, चैन नहीं मिला तो बेटी को मारने की कोशिश की

Dainik Bhaskar : Jul 29, 2019, 05:51 PM
लखनऊ. पहले मेरी बेटी का रेप किया, फिर मेरे पति का कत्ल किया और मेरे देवर को जेल भेजा गया। इससे भी चैन नहीं मिला तो अब मेरी बेटी को मारने की कोशिश की गई है। वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। मुझे उससे मिलने नहीं दिया जा रहा। ये सब भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर हुआ। यह कहना है उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मां का। सोमवार सुबह से ही केजीएमयू का ट्रामा सेंटर राजनीति का अड्डा बना हुआ है। कई नेताओं ने मां को पीड़िता की लड़ाई लड़ने का भरोसा दिया।

कार और ट्रक की टक्कर में जख्मी पीड़ित लड़की लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर है। उसकी मां का कहती हैं कि डॉक्टर बाहर से दवाएं मंगा रहे हैं। अगर अच्छा इलाज नहीं मिला तो बेटी जी नहीं पाएगी। घर से लाशें तब तक नहीं उठेंगी जब तक मेरे देवर महेश सिंह को जमानत पर छोड़ा नहीं जाएगा। मैं अकेली हूं बच्चों को कैसे संभालूंगी। हमें केस वापस लेने के लिए जान से मारने की धमकी दी जाती है।

सेंगर ने तो मेरी मां की भी जान ले ली: चचेरी बहन

दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए हादसे में उसकी चाची की मौत हो गई। ट्रामा सेंटर पहुंची चचेरी बहन के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। उसने घटना के लिए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जिम्मेदार ठहराया। उसने कहा कि सेंगर ने मेरी बहन की जिंदगी बर्बाद की और अब मेरी मां को भी मार डाला। उसने बताया कि पीड़िता की हालत काफी नाजुक है।

सवाल: कार और ट्रक की टक्कर हादसा या साजिश  

क्या बिना सुरक्षाकर्मियों के पहले भी पीड़िता या परिवार कहीं आता जाता रहा है?

हादसे के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपी विधायक का कोई कनेक्शन है या नहीं, इस पर पुलिस का रुख साफ़ क्यों नहीं है?

पीड़ित परिवार को पहले भी सुरक्षाकर्मियों के सामने केस वापसी के लिए धमकाया गया, तब आला अधिकारियों ने संज्ञान क्यों नहीं लिया?

हादसा होने पर सवाल इसलिए भी क्योंकि पीड़िता और मुख्य गवाह चाची का बयान सीबीआई के सामने होना था?

जब पीड़ित परिवार ने सुरक्षाकर्मियों को ले जाने से मना कर दिया तो क्या उन्होंने आला अधिकारियों को यह बात बताई?

ट्रामा सेंटर में नेताओं की भीड़

पीड़िता का हाल जानने के लिए सोमवार सुबह सबसे पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पहुंचीं। उन्होंने बताया कि पीड़िता की हालत ठीक नहीं है। उसे बेहतर इलाज की जरूरत है। उन्होंने कहा यहां संसाधनों की कमी के साथ पीड़िता की जान को खतरा भी है। दिल्ली महिला आयोग उसे एयरलिफ्ट कराना चाहता है। इसके बाद 11 बजे सपा का महिला प्रतिनिधिमंडल जूही सिंह के नेतृत्व में पहुंचा। फिर कांग्रेस की मोना तिवारी और अदिति सिंह भी पीड़िता से मिलने पहुंचीं।

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