Russian Corona Vaccine / अमेरिकी एक्सपर्ट बोले-हमें पूरा शक, WHO ने भी मांगा सबूत

NavBharat Times : Aug 12, 2020, 04:10 PM
Delhi: दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन को लेकर भी काफी तेजी से तैयारियां चल रही हैं। रूस ने कोरोना वायरस की वैक्सीन (Russia Covid-19 Vaccine) बनाने को लेकर सफलता मिलने का ऐलान किया है। वहीं अमेरिका को रूस के दावे पर शक है। अमेरिका के जाने-माने संक्रामक रोग विशेषज्ञ और प्रेजिडेंट ट्रंप के सलाहकार एंथनी फाउची ने कहा कि उन्हें इस बात का शक है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस पर काम करेगी। नैशनल जियोग्राफिक पर पैनल डिस्कशन के दौरान एंथनी फाउची ने कहा कि वैक्सीन बनाना और उस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी साबित करना अलग बात है।


WHO ने भी रूस से मांगे सबूत

रूस के वैक्सीन पर दुनिया के कई देश शक कर रहे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रूस से वैक्सीन के बारे में कई जानकारी मांगी है। विश्व संस्था ने रूसी सरकार से वैक्सीन के बारे में तमाम रिसर्च को जारी करने को कहा है। WHO ने साथ ही रूस को वैक्सीन रिजस्टर करने से पहले इसके क्लीनिकल ट्रायल को पूरी करने को कहा है।


​भारत में ये कंपनियां तैयार कर रहीं वैक्सीन

भारत में फिलहाल दो कंपनियों की वैक्सीनों को लेकर चर्चा है। भारत बायोटेक और जायडस कैडिला कोरोना वैक्सीन को लेकर काम कर रही हैं। इसके अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका की संभावित वैक्सीन को लेकर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भी दांव खेला है। इन सभी वैक्सीनों के साथ रूस द्वारा तैयार की गई वैक्सीन स्पुतनिक-V पर आज चर्चा होगी। एक्सपर्ट पैनल की बैठक में वैक्सीन के उत्पादन और उन्हें लोगों तक पहुंचाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।


​चीन अपने सैनिकों को लगा रहा कोरोना का टीका

चीन ने अपने सैनिकों को कोरोना का टीका लगाने की शुरुआत कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पीपल्‍स ल‍िबरेशन आर्मी (PLA) की मदद से चीन ने कोरोना का टीका बनाया है और उसे बड़े पैमाने पर सैनिकों को लगाया जा रहा है। चीनी मीडिया के मुताबिक, चीन के डॉक्टर चेन वेई की इस टीके को लेकर खूब तारीफ भी हो रही है।


​रूस ने लॉन्च की वैक्सीन की वेबसाइट

रूस ने कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर इसके उत्पादन के लिए 20 से अधिक देशों ने आवेदन किया है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के चीफ किरिल दिमित्रेव के मुताबिक, लैटिन अमेरिकी, मध्य पूर्व और कुछ एशियाई देशों ने वैक्सीन की डिमांड की है। दावा यह भी है कि इनमें से कुछ के साथ रूस की डील भी फाइनल हो गई है। इस वैक्सीन को लेकर तीसरे चरण का ट्रायल यूएई और सऊदी अरब समेत अन्य देशों में किया जाएगा। RDIF ने इसके लिए sputnikvaccine.com नाम से वेबसाइट लॉन्च की है। वेबसाइट में वैक्सीन की जानकारी के अलावा इससे जुड़े सभी तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई है। साथ ही इस वेबसाइट पर सवाल-जवाब का भी एक सेक्शन बना हुआ है।


​ट्रंप ने वैक्सीन के लिए इस कंपनी से की डील

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी से कोरोना वैक्सीन के डील का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन विकसित किए जाने के बाद फर्माक्यूटिकल कंपनी मॉडर्ना देश में 10 करोड़ डोज उपलब्ध कराएगी। वहीं मॉडर्ना के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने इस वैक्सीन के लिए कंपनी को 1.5 बिलियन डॉलर का भुगतान भी किया है। मॉडर्ना फिलहाल वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल कर रही है। यह ट्रायल 27 जुलाई को शुरू हुआ था।


​मार्केट में कब आएगी रूसी वैक्सीन?

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन अभी भी आम तौर पर लोगों के लिए उपलब्ध होने से काफी दूर है, खासकर रूस के बाहर के लोगों के लिए। रूस के उपप्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने सितंबर में गम-कॉव-वैक लियो वैक्सीन के 'औद्योगिक उत्पादन' शुरू करने का वादा किया है। हालांकि, स्टेट रजिस्टर ऑफ़ फ़ार्मास्यूटिकल्स की वेबसाइट के मुताबिक, वैक्सीन 1 जनवरी, 2021 से उपलब्ध हो जाएगी।

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