US Military Resignations / अमेरिकी सेना में संकट: 3 महीने में 8 टॉप कमांडरों का इस्तीफा, ट्रंप सरकार से टकराव बनी वजह

पिछले 3 महीनों में अमेरिकी सैन्य विभाग के 8 शीर्ष अधिकारियों ने डोनाल्ड ट्रंप सरकार से टकराव के चलते इस्तीफा दे दिया है। वेनेजुएला ऑपरेशन के बीच दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल एल्विन होल्सी का इस्तीफा सबसे ताजा है। यह अमेरिकी सेना में अनुभव की कमी और सरकारी हस्तक्षेप बढ़ने का संकेत है।

अमेरिकी सैन्य विभाग गहरे संकट में है। पिछले तीन महीनों में 8 शीर्ष अधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, जिसकी मुख्य वजह डोनाल्ड ट्रंप सरकार के साथ उनका टकराव है। ट्रंप प्रशासन उन अधिकारियों को निशाना बना रहा है जो या तो उनकी नीतियों से सहमत नहीं हैं या उनके पैमाने पर खरे नहीं उतरते। इस श्रृंखला में सबसे हालिया इस्तीफा दक्षिणी कमान के प्रमुख नौसेना एडमिरल एल्विन होल्सी का है। होल्सी ने वेनेजुएला में बड़े सैन्य अभियानों को लेकर रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के साथ तनाव के कारण अपना पद छोड़ा है, जबकि उनका कार्यकाल 2027 तक था। एक्सियोस के अनुसार, होल्सी वेनेजुएला पर हमला करने के पक्ष में नहीं थे, जबकि अमेरिकी सरकार वहां बड़े ऑपरेशन की तैयारी में है।

ट्रंप सरकार से टकराव

डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही सेना के उच्च अधिकारियों का इस्तीफा जारी है और पिछले 3 महीने में जॉइंट चीफ जनरल चार्ल्स “सीक्यू” ब्राउन जूनियर, एनएसए जनरल टीम हॉग, नौसेना संचालन प्रमुख एडमिरल लिसा फ्रैंचेटी, तटरक्षक कमांडेंट एडमिरल लिंडा फगन और रक्षा नवाचार इकाई के प्रमुख डग बेक सहित 8 टॉप कमांडर स्तर के अधिकारियों ने इस्तीफा दिया है। इन सभी इस्तीफों की वजह सरकार से टकराव ही बताई जा रही है। हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप और रक्षा मंत्री हेगसेथ ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि जो लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, वे सेना से दूर हट जाएं। एक्सियोस का मानना है कि कुछ इस्तीफे टकराव के कारण हुए, लेकिन अधिकांश पर इसलिए दबाव बनाया गया ताकि ट्रंप के पुराने वफादारों को समायोजित किया जा सके।

अमेरिकी सेना के लिए नुकसान

इन इस्तीफों से अमेरिकी सेना में पहली बार अनुभव की गंभीर कमी देखने को मिल रही है और जिन अनुभवी कमांडरों ने पद छोड़ा है, उनकी जगह कम अनुभवी अधिकारियों को भर्ती किया गया है। यह अमेरिका जैसे सुपरपावर देश के लिए मुश्किल दौर में चिंता का विषय है। नए लोगों के आने से सेना पर सरकार का दखल और ज्यादा बढ़ेगा, जिससे भविष्य में सैन्य अभियानों और मागा अभियान को भी झटका लग सकता है।