1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वी श्रीनिवास का अगला मुख्य सचिव बनना लगभग तय हो गया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार शाम को उनकी सेवाएं राज्य सरकार को वापस। लौटा दी हैं, जिससे उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। श्रीनिवास वर्तमान में केंद्रीय प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत विभाग और पेंशनर्स कल्याण विभाग के सचिव के पद पर कार्यरत थे। राज्य सरकार ने एक दिन पहले ही उनके नाम पर मुहर लगाते हुए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने उन्हें रिलीव करने के आदेश जारी किए। अब राज्य सरकार किसी भी समय मुख्य सचिव पद पर उनकी नियुक्ति का आधिकारिक आदेश जारी कर सकती है।
सुधांश पंत की जल्द विदाई
वर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत को अब जल्दी राज्य से केंद्र के लिए रिलीव करने की तैयारी है और केंद्र सरकार ने सुधांश पंत को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव का पद संभालने से पहले तक के लिए कैबिनेट सचिवालय में ओएसडी नियुक्त किया है। मंत्रालय के मौजूदा सचिव अमित यादव 30 नवंबर को रिटायर होंगे, और सुधांश पंत को उनकी जगह कार्यभार संभालना है। 30 नवंबर तक पद खाली नहीं होने की वजह से सुधांश पंत को केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में ओएसडी के तौर पर अस्थाई जिम्मेदारी दी गई है। पहले यह माना जा रहा था कि सुधांश पंत 29 या 30 नवंबर तक मुख्य सचिव के पद से मुक्त होंगे, लेकिन ताजा आदेश के बाद यह तय है कि उन्हें अब कभी भी रिलीव किया जा सकता है। नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया सुधांश पंत के 30 नवंबर को रिलीव होने से पहले ही शुरू कर दी गई है।
वरिष्ठता और सेवानिवृत्ति
आईएएस अफसरों में वी श्रीनिवास सुबोध अग्रवाल के बाद सबसे सीनियर हैं। 1988 बैच के एकमात्र आईएएस सुबोध अग्रवाल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं। दिसंबर के बाद, वी श्रीनिवास प्रदेश के सबसे सीनियर आईएएस अफसर रह जाएंगे। यदि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाता है, तो किसी अन्य सीनियर अफसर को सचिवालय से बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि प्रशासनिक परंपरा यह है कि मुख्य सचिव से सीनियर अफसर को सचिवालय में नहीं रखा जाता, उन्हें बाहर भेजना होता है। वी श्रीनिवास सितंबर 2026 में रिटायर होंगे। यदि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाता है, तो वे केवल 10 महीने तक इस पद पर रहेंगे। हालांकि, सरकार के पास एक्सटेंशन का भी विकल्प है। केंद्र सरकार चाहे तो उन्हें छह-छह महीने के दो एक्सटेंशन भी दे सकती है, जैसा कि पहले भी कई मुख्य सचिवों को मिलता रहा है।
वी श्रीनिवास का करियर काफी लंबा और विविध रहा है। वह पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के रिश्तेदार भी हैं, उनकी पत्नी राव की रिश्ते में दोहिती हैं। श्रीनिवास ने बड़े पदों पर कार्य किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाली एनडीए सरकार में वे तत्कालीन विदेश मंत्री और वित्त मंत्री जसवंत सिंह के निजी सचिव रहे थे। इसके बाद वे इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) वाशिंगटन में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक भी रहे।
राज्य में प्रारंभिक सेवा और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
श्रीनिवास ने अपने आईएएस करियर की शुरुआत 1989 में भीलवाड़ा एसडीओ पद से की थी। इसके बाद वे निंबाहेड़ा एसडीओ भी रहे और 1995 से 1998 तक जलग्रहण विकास और मृदा संरक्षण विभाग के निदेशक के रूप में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे पाली और जोधपुर जैसे महत्वपूर्ण जिलों के कलेक्टर भी रह चुके हैं। श्रीनिवास 30 दिसंबर 1997 से 23 मार्च 1999 तक पाली के और 20 मार्च 1999 से 30 दिसंबर 1999 तक जोधपुर के कलेक्टर रहे। इसके बाद 28 अक्टूबर 1999 से 7 जुलाई 2000 तक वे वित्त विभाग के उपसचिव के पद पर कार्यरत रहे और उनकी 35 साल की सेवा में से आधे से ज्यादा वक्त केंद्र सरकार में बीता है। वे कुल 17 साल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं, जिसमें। से 14 साल दिल्ली में और 3 साल आईएमएफ में रहे हैं।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का लंबा अनुभव
पहली बार श्रीनिवास साल 2000 से 2006 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे। 5 जुलाई 2000 से 7 फरवरी 2001 तक वे पेट्रोलियम मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी रहे। इसके बाद वे 6 फरवरी 2001 से 6 सितंबर 2003 तक तत्कालीन विदेश मंत्री और वित्त मंत्री के निजी सचिव के रूप में कार्य किया। 2 सितंबर 2003 से 6 अक्टूबर 2006 तक वे आईएमएफ, वॉशिंगटन डीसी में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक रहे। चार साल राज्य सरकार में रहने के बाद, वे 2010 में फिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए। 19 मार्च 2010 को वे केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय में संयुक्त सचिव बने, जहां वे 20 अगस्त 2013 तक इस पद पर रहे। 19 अगस्त 2013 से 16 दिसंबर 2014 तक वे सांस्कृतिक मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे और 8 दिसंबर 2014 से 21 मार्च 2017 तक एम्स दिल्ली के उपनिदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दीं और 2018 से वे लगातार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जो उनके व्यापक प्रशासनिक अनुभव को दर्शाता है।