भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक, विराट कोहली के फैंस के लिए एक निराशाजनक खबर सामने आई है। बेंगलुरु के प्रतिष्ठित एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले में फैंस अपने चहेते खिलाड़ी विराट कोहली को खेलते हुए नहीं देख पाएंगे। यह मुकाबला 24 दिसंबर को दिल्ली और आंध्र प्रदेश के बीच खेला जाना है, जिसमें कोहली दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हुए नजर आएंगे। हालांकि, कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह मैच बंद दरवाजों के पीछे, यानी बिना किसी दर्शक के आयोजित किया जाए। यह निर्णय स्टेडियम की सुरक्षा और चल रहे सुधार कार्यों को ध्यान में रखते हुए लिया। गया है, जिससे हजारों फैंस को अपने पसंदीदा खिलाड़ी का दीदार करने का मौका नहीं मिलेगा।
सरकारी निर्देश और सुरक्षा प्राथमिकताएं
कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह कड़ा फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में अभी भी कई महत्वपूर्ण सुधार कार्य जारी हैं, और इन कार्यों के पूरा होने तक बड़ी संख्या में दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति देना सुरक्षित नहीं होगा। यह निर्देश सीधे KSCA को दिया गया है, जो इस मैच का आयोजन कर रहा है। सरकार की चिंताएं केवल बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें भीड़ प्रबंधन और संभावित अव्यवस्था से बचने की इच्छा भी शामिल है, खासकर जब विराट कोहली जैसे बड़े खिलाड़ी मैदान पर हों। यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, भले ही इसका मतलब क्रिकेट प्रेमियों की निराशा हो।
4 जून की दुखद घटना की छाया
यह निर्णय 4 जून को हुई एक दुखद भगदड़ की घटना की याद दिलाता है, जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत के जश्न के दौरान 11 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। उस भयावह घटना के बाद से, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम शीर्ष स्तरीय क्रिकेट आयोजनों के लिए लगभग प्रतिबंधित रहा है। इस घटना ने स्टेडियम की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए थे और तब से इसे सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को भी अक्टूबर-नवंबर में खेले गए महिला वर्ल्ड कप के फाइनल सहित पांच मैचों को इस स्टेडियम से दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा था, जो इस बात का प्रमाण है कि स्टेडियम को अभी भी पूरी तरह से सुरक्षित घोषित नहीं किया गया है।
KSCA का प्रस्ताव और सरकारी विरोध
इससे पहले, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) ने संकेत दिया था कि स्टेडियम के दो स्टैंड आम जनता के लिए खोले जा सकते हैं और इन स्टैंडों में लगभग 2000 से 3000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था हो सकती थी, जिससे कुछ फैंस को मैच देखने का अवसर मिल जाता। हालांकि, राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। सरकार ने संभावित सुरक्षा और नियमों के पालन से जुड़ी चिंताओं का हवाला दिया। सरकार का दृढ़ मत था कि जब तक स्टेडियम के सभी हिस्सों में आवश्यक सुधार कार्य पूरी तरह से संपन्न नहीं हो जाते, तब तक किसी भी स्तर पर दर्शकों को प्रवेश की अनुमति देना जोखिम भरा हो सकता है। यह दर्शाता है कि सरकार किसी भी तरह का जोखिम लेने को तैयार नहीं है।
छुट्टियों के मौसम में अव्यवस्था से बचाव
ESPNcricinfo की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार छुट्टियों के मौसम में बड़े खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण स्टेडियम के आसपास अव्यवस्था और भीड़भाड़ से बचना चाहती है और विराट कोहली और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों की शुरुआती दो मैचों के लिए उपलब्धता ने पहले ही KSCA को आयोजन स्थल को अलूर से चिन्नास्वामी स्टेडियम में बदलने के लिए मजबूर कर दिया था, ताकि लॉजिस्टिक समस्याओं से बचा जा सके। ऐसे में, सरकार को आशंका है कि इन लोकप्रिय खिलाड़ियों को देखने के लिए बड़ी संख्या। में लोग स्टेडियम के बाहर भी जमा हो सकते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। इस प्रकार, बिना दर्शकों के मैच आयोजित करने का निर्णय एक निवारक उपाय के रूप में देखा जा रहा है।
निरीक्षण समिति की रिपोर्ट और भविष्य की उम्मीदें
KSCA के अनुरोध पर, 22 दिसंबर को पुलिस, लोक निर्माण विभाग (PWD) और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों वाली एक समिति ने स्टेडियम का गहन निरीक्षण किया। हालांकि समिति की औपचारिक रिपोर्ट 23 दिसंबर को आने की उम्मीद है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि गृह विभाग की रिपोर्ट पहले से लगाए जा रहे कयासों की ही पुष्टि करेगी। इसका मतलब है कि रिपोर्ट में भी स्टेडियम को दर्शकों के लिए सुरक्षित न पाए जाने की संभावना है, जिससे सरकार के फैसले को और बल मिलेगा। फैंस के लिए यह एक बड़ा झटका है, लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में स्टेडियम पूरी। तरह से सुरक्षित होने के बाद उन्हें अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को लाइव देखने का मौका मिलेगा।