बिज़नेस / बिज़नेस को बनाए रखने के लिए हमारे पास ग्रीन मॉडल के अलावा कोई विकल्प नहीं: मुकेश अंबानी

एशिया के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ब्लूमबर्ग से कहा है, "एक समाज...एक बिज़नेस के रूप में हमारे पास...सतत व्यापार मॉडल अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।" उन्होंने कहा, "मुझे लगता है...हर बिज़नेस के बने रहने के लिए...यह एक शर्त है।" रिलायंस ने 2035 तक नेट-ज़ीरो कार्बन कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है।

नई दिल्ली: देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी हमेशा अपनी दूरदर्शिता के लिए जाने जाते हैं. वो जब भी कुछ करते हैं बड़ा करते हैं और दूर की सोचकर करते हैं. अब मुकेश अंबानी ने कंपनियों को ग्रीन होने की बाद कही है. साथ ही कनेक्टिविटी और डिजिटल के अहम रोल को भी बताया है. दरअसल कतर जैसे छोटे देश में मुकेश अंबानी ने एक समारोह के दौरान ये बाते कही और कतर की खुले दिल से तारीफ भी की है. मुकेश अंबानी ने कतर इकोनॉमिक मंच को संबोधित करते हुए कहा कि यह कल्पना करना कठिन है कि महामारी के दौरान 4जी दूरसंचार नेटवर्क नहीं होता, तो भारत में क्या होता.

कतर जैसे देश के लिए अंबानी ने कहा कि ‘‘हम भारत में संकट के समय कतर की मित्रता को कभी नहीं भूलेंगे जिसने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान व्यापार से आगे बढ़कर साथ दिया और अपने सभी यात्री विमानों को दवा और अन्य जरूरी आपूर्ति में इस्तेमाल किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह क्या बताता है. कतर देखने में एक छोटा देश जरूर होगा लेकिन उसका दिल बड़ा है. ‘‘मुझे लगता है कि अब उद्देश्य के साथ व्यापार और करुणा आगे का रास्ता है.’’

कंपनियों के लिए ग्रीन एनर्जी फायदेमंद

मुकेश अंबानी ने कहा कि दूसरी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि जिन अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहन सहायता का लाभ नहीं मिला, उन्हें वापस पटरी पर लाया जाए और वे विकसित हों. ताकि पूरी दुनिया सतत रूप से आगे बढ़े और न कि केवल विकसित अर्थव्यवस्थाएं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिये स्वच्छ ऊर्जा को अपनाकर सतत कारोबार मॉडल अपनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

पश्चिम एशिया के साथ पुराने रिश्ते

पश्चिम एशिया के साथ अपने संबंधों पर अंबानी ने कहा कि उनका जन्म यमन में हुआ जहां उनके पिता धीरूभाई काम करने के लिये गये थे ‘‘और वह (धीरूभाई) हमेशा कहते थे कि मेरे अंदर अरबी खून है.’’ उन्होंने कहा कि रिलायंस सभी अरबी देशों के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है.

खाड़ी देशों में निवेश

खाड़ी देशों के सावरेन वेल्थ फंड ने रिलायंस के डिजिटल और खुदरा कारोबार में निवेश किया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज गुजरात के जामनगर में दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनरी परिसर का परिचालन करती है। इसमें पश्चिम एशिया और अन्य देशों से कच्चे तेल को परिशोधन कर पेट्रोल, डीजल जैसे उत्पाद तैयार किये जाते हैं.

टीकाकरण का अहम रोल

भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अंबानी ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी जैसा संकट सदियों में होने वाला मानवीय संकट है और दुनिया इसके लिय तैयार नहीं थी.’’उन्होंने कहा, ‘‘इस संकट ने मानव जाति की दृढ़ता की परीक्षा ली है. दुनिया को भुगतना पड़ा है, लेकिन आखिरकार जो जीतेगा वह वायरस नहीं बल्कि मानवीय शक्ति है.टीकों के उत्पादन के साथ-साथ टीकाकरण अभियान में अभूतपूर्व वैश्विक एकजुटता दिखी है.