- भारत,
- 04-Aug-2025 07:20 PM IST
Donald Trump News: यूक्रेन में चल रहे युद्ध ने वैश्विक मंच पर नया मोड़ ले लिया है, जहां अमेरिका और रूस अब एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच हालिया बयानबाजी ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है। इस लेख में हम इस घटनाक्रम के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ट्रंप की डेडलाइन और मेदवेदेव की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए पहले 50 दिन की डेडलाइन दी थी, जिसे बाद में उन्होंने घटाकर 10 दिन कर दिया। इस अल्टीमेटम पर रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर ट्वीट करते हुए कहा:
"ट्रंप रूस के साथ अल्टीमेटम का खेल खेल रहे हैं: 50 दिन या 10... उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए:
रूस इजराइल या ईरान नहीं है।
हर नया अल्टीमेटम एक खतरा और युद्ध की ओर एक कदम है। रूस और यूक्रेन के बीच नहीं, बल्कि उनके अपने देश के साथ। स्लीपी जो (जो बाइडेन) के रास्ते पर मत जाओ!"
मेदवेदेव के इस बयान ने न केवल ट्रंप की नीति पर सवाल उठाए, बल्कि इसे युद्ध की ओर बढ़ने वाला कदम भी करार दिया।
अमेरिकी सीनेटर को मेदवेदेव का जवाब
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी और X पर ट्वीट किया:
"रूस में उन लोगों के लिए जो मानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच खूनखराबे को खत्म करने के लिए गंभीर नहीं हैं। आप और आपके ग्राहक जल्द ही दुखद रूप से गलत साबित होंगे। आप जल्द ही यह भी देखेंगे कि जो बाइडेन अब राष्ट्रपति नहीं रहे। शांति वार्ता की मेज पर आ जाएं।"
इसके जवाब में मेदवेदेव ने और सख्त लहजे में कहा:
"यह तय करना आपका या ट्रंप का काम नहीं है कि 'शांति वार्ता' कब शुरू होगी। बातचीत तब खत्म होगी जब हमारे सैन्य अभियान के सभी उद्देश्य पूरे हो जाएंगे। पहले अमेरिका पर काम करो!"
मेदवेदेव का यह बयान रूस की स्थिति को स्पष्ट करता है कि वह बाहरी दबाव में अपनी नीति नहीं बदलेगा।
ट्रंप का पलटवार और परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती
मेदवेदेव के बयानों से नाराज ट्रंप ने पहले उन्हें चेतावनी दी और कहा:
"रूस के असफल पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव, जो कि खुद को अभी भी राष्ट्रपति समझते हैं, उन्हें समझाएं कि वो अपने शब्दों पर ध्यान दें। वह बहुत खतरनाक एरिया में घुस रहे हैं!"
इसके बाद, ट्रंप ने एक बड़ा कदम उठाते हुए दो परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा:
"रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव, जो अब रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं, उनके बेहद भड़काऊ बयानों को ध्यान में रखते हुए, मैंने दो परमाणु पनडुब्बियों को जरूरी क्षेत्रों में तैनात करने का आदेश दिया है। ऐसा इसलिए ताकि कहीं ये मूर्खतापूर्ण और भड़काऊ बयान सिर्फ इतना ही न हों। शब्द बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, और अक्सर अनपेक्षित परिणाम दे सकते हैं, मुझे उम्मीद है कि यह उन उदाहरणों में से एक नहीं होगा।"
वैश्विक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
ट्रंप के इस कदम ने वैश्विक समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती को कई विशेषज्ञ एक खतरनाक संकेत मान रहे हैं, जो तनाव को और बढ़ा सकता है। मेदवेदेव के बयानों और ट्रंप की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों पक्ष अपनी स्थिति पर अडिग हैं।
यूक्रेन में युद्ध पहले ही लाखों लोगों को प्रभावित कर चुका है, और अब इस नए तनाव ने शांति की संभावनाओं को और जटिल बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस बात पर नजर रखे हुए है कि क्या यह तनाव युद्ध को और भड़काएगा या फिर कूटनीतिक प्रयासों से कोई समाधान निकलेगा।
