दुनिया / क्या होगा अगर आपके पास किसी भी देश की नागरिकता न रहे?

News18 : Jul 18, 2020, 09:55 AM
Delhi: पंद्रह साल की उम्र में लंदन से सीरिया भागकर इस्लामिक स्टेट (ISIS) में शामिल होने गई शमीमा बेगम अब वापस ब्रिटेन लौटने जा रही है। आतंकी बन जाने के कारण शमीमा की ब्रिटिश नागरिकता रद्द हो चुकी है। वो लंदन लौटकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने वाली है ताकि नागरिकता वापस मिल सके। शमीमा इस बीच किसी भी देश की नागरिक नहीं है। क्या ये पहला मामला है कि कोई स्टेटलेस हो चुका? क्या होता है किसी भी देश का नागरिक न हो और इन हालातों में क्या खतरे रहते हैं, जानिए।


क्या होता है स्टेटलेस होना

एक स्टेटलेस व्यक्ति वो है, जो किसी भी देश के कानून के तहत नहीं आता और न ही जिसपर किसी देश का कानून लागू होता है। यानी एक तरह से वो शख्स इस दुनिया का हिस्सा नहीं है। ये ठीक वैसा ही है, जैसे किसी की पूरी पहचान गायब हो जाना और रिकॉर्ड से भी सारे कागज हट जाना।

किस आधार पर नागरिकता छीनी जा सकती है

इसकी कई वजहें हो सकती हैं। जैसे किसी की राष्ट्रीयता तब भी नहीं हो सकती, जब वो किसी दूसरे देश के नागरिक से शादी करके आए, वहां रहे और किसी वजह से वहां की राष्ट्रीयता न ले सके। साथ ही अपनी नागरिकता भी सरेंडर कर चुका हो। ऐसे में शादी टूट जाने पर व्यक्ति किसी देश का नहीं रह जाता है। इन हालातों के लिए महिलाएं और बच्चे काफी संवेदनशील होते हैं। अगर कोई बच्चा किसी रिफ्यूजी से जन्मता है या फिर रिफ्यूजी से बिना शादी जन्मता है तो वो स्टेटलेस हो सकता है। कई बार प्रशासनिक कारणों से भी किसी के पास राष्ट्रीयता नहीं होती है। और यहां तक कि बच्चे के जन्म के बाद उनका सही तरीके से रजिस्ट्रेशन न हो तो वे भी स्टेटलेस होते हैं क्योंकि उनके पास कोई प्रमाण नहीं रहता कि उनका कहां जन्म हुआ है।

क्या समस्या है राष्ट्रीयता न होने की

अगर आप किसी भी देश के नागरिक न हों तो ये हालात काफी खतरनाक हो सकते हैं। आपके पास वोट करने का अधिकार नहीं होगा। न ही आपके पास किसी किस्म की सुविधा होगी जो एक देश के नागरिक को होती है। स्कूल-कॉलेज में एडमिशन, नौकरी, हेल्थकेयर और प्रॉपर्टी राइट भी नहीं होता है। यहां तक कि अगर स्टेटलेस व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हो जाए या फिर मौत हो जाए तो भी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होती है क्योंकि उस व्यक्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं


दुनियाभर में करोड़ों लोग ऐसे

हालांकि एक से दूसरे देश में जाते या शरण लेते शरणार्थियों के कारण स्टेटलेस होना नई बात नहीं। दुनियाभर के देशों में ऐसे लाखों लोग हैं, जो किसी देश के नागरिक नहीं। जैसे सीरिया में युद्ध के हालातों के कारण वहां से भागकर यूरोपियन देश पहुंचे लोगों के पास वहां की नागरिकता नहीं।

यही देखते हुए सरकारें राष्ट्रीयता के बगैर रहने वालों के लिए सुरक्षा, सेहत और शिक्षा के अधिकारों के कानून बनाती है। लेकिन ये किसी भी हालत में राष्ट्रीयता पाए नागरिक के बराबर नहीं होते हैं। साल 2017 में आए UNHCR का ग्लोबल ट्रेंड्स डाटा बताता है कि दुनिया में 10 मिलियन से ज्यादा स्टेटलेस लोग हैं। हालांकि इनमें से लगभग 3।9 मिलियन लोग ही ऐसे हैं, जिनकी UNHCR पहचान कर सका।


क्या कहता है शमीमा का मामला

अब अगर ISIS में शामिल होने गई युवती शमीमा बेगम की बात करें तो 15 साल की उम्र में वो लंदन से सीरिया भाग गई थी ताकि आतंकी प्रशिक्षण ले सके। लगभग सालभर पहले वो सीरिया के एक शरणार्थी कैंप में मिली। तभी उसने लंदन वापस लौटने की इच्छा जताई। हालांकि आतंकी संगठन से जुड़ाव और सुरक्षा कारणों की वजह से ब्रिटेन की होम मिनिस्ट्री ने तब तक शमीमा की नागरिकता खत्म कर दी थी।

अब शमीमा के वकीलों का तर्क है कि लंदन लौटकर उसे अपना पक्ष रखने का मौका मिले, साथ ही ये तर्क भी दिया जा रहा है कि शमीमा की नागरिकता खत्म करना गैरकानूनी है। हालांकि इसी साल ब्रिटिश ट्रिब्यूनल ने कहा कि युवती की नागरिकता खत्म करना कानूनी है क्योंकि जन्म के आधार पर वो बांग्लादेशी नागरिक थी। इसी आधार पर वो बांग्लादेश की सिटिजनशिप के लिए आवेदन कर सकती है। बता दें कि इंटरनेशनल लॉ के मुताबिक कोई देश किसी व्यक्ति की नागरिकता तभी खत्म कर सकता है, जब वो व्यक्ति किसी दूसरे देश की नागरिकता पा सकता हो।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER