Zoom News : Aug 02, 2021, 06:32 AM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 02 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन ई-रुपी (e-RUPI) लॉन्च करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी का ये कार्यक्रम वर्चुअली होगा। ई-रुपी को आप ई-आरयूपीआई भी लिख या बोल सकते हैं। ये एक पर्सन और पर्पज स्पेसिफिक डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन है। पीएमओ की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि सालों से यह सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं कि सरकार और लाभार्थी के बीच लिमिटेड टच पॉइंट्स के साथ,लीक-प्रूफ तरीके से लाभ इच्छित लाभार्थियों तक पहुंचे। और इलेक्ट्रॉनिक वाउचर की अवधारणा सरकार के इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है।What is e-RUPI (क्या है ई-रुपी)ई-रुपी डिजिटल भुगतान (ऑनलाइन पेमेंट) के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है। पीएमओ के मुताबिक, ई-रुपी एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल फोन तक पहुंचाया जाता है। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई (UPI)प्लेटफॉर्म परवि त्तीय सेवाओं के विभाग, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से डेवलप किया है।पीएमओ के मुताबिक, ई-रुपी को वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स, सेवा प्रदाता पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस किए बिना वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे।e-RUPI कैसे करता है कामपीएमओ ने जानकारी दी है कि ई-रुपी, सर्विस के स्पॉन्सर्स को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटली तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं को लाइनअप करता है। इसके अलावा ये भी सुनिश्चित करता है कि लेने-देन का पूरा प्रोसेस होने तक सेवा प्रदाता को पेमेंट ना हो।पीएमओ ने यह भी कहा है कि ई-रुपी की प्रकृति प्री-पेड है, इसलिए यह किसी भी इंटरमीडिटर (मध्यस्थ) की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता को समय पर पेमेंट का भी भरोसा दिलाता है।e-RUPI का इस्तेमाल कहां किया जाता है?पीएमओ के बयान के अनुसार ई-रुपी वेलफेयर स्कीम के सर्विस की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। ई-रुपी का उपयोग मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाओं और पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने वाली योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है।इसके अलावा इसका इस्तेमाल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ड्रग्स व डायग्नॉस्टिक्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, उर्वरक सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है। वहीं निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में इन डिजिटल वाउचर का लाभ ले सकते हैं।