- भारत,
- 11-Jun-2025 02:36 PM IST
AUS vs SA: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2023-25 का फाइनल मुकाबला क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित जगह – लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड – में 11 जून से शुरू होने जा रहा है। यह ऐतिहासिक भिड़ंत ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच होगी, जो क्रिकेट प्रेमियों के लिए रोमांच की चरम सीमा साबित होने वाली है। मुकाबला पांच दिनों तक चलेगा और यदि बारिश जैसी बाधाएं सामने आती हैं तो 16 जून को रिजर्व डे के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
लॉर्ड्स की पिच रिपोर्ट: तेज गेंदबाजों की जन्नत
लॉर्ड्स की पिच अपने खास मिजाज के लिए जानी जाती है। यहां तेज गेंदबाजों को स्विंग और सीम मूवमेंट दोनों में मदद मिलती है, खासतौर पर बाएं हाथ के पेसर इस पिच पर और भी घातक साबित होते हैं। नई गेंद के साथ पहले कुछ ओवर बल्लेबाजों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होते हैं। हालांकि अगर बल्लेबाज धैर्य रखते हैं और शुरुआती मुश्किलों को पार कर जाते हैं, तो रन बनाना आसान हो सकता है।
पिच की विशेषता यह भी है कि मौसम की भूमिका इसमें काफी अहम रहती है। बादल छाए रहने पर गेंदबाजों को अतिरिक्त स्विंग मिलती है, जबकि धूप में बल्लेबाजों को राहत मिलती है। ऐसे में दोनों टीमों की रणनीति मौसम को ध्यान में रखकर बनेगी।
पिच पर रिकॉर्ड और आंकड़े
लॉर्ड्स में अब तक कुल 147 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं। इनमें से 53 मैचों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को जीत मिली है, जबकि दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 43 मैच जीते हैं। इससे स्पष्ट है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना एक अहम रणनीति हो सकती है।
यहां पहली पारी का औसत स्कोर 310 रन है, जबकि चौथी पारी में बल्लेबाजी करना सबसे कठिन माना जाता है।
मौसम का मिजाज: पहले दिन राहत, तीसरे दिन सावधानी
WTC फाइनल के पहले दिन मौसम के साफ रहने की संभावना है। तापमान अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। हालांकि कभी-कभी बादल छा सकते हैं जिससे गेंदबाजों को कुछ अतिरिक्त मदद मिल सकती है।
तीसरे दिन बारिश की आशंका जताई गई है – दिन में 30% और रात में यह संभावना 55% तक बढ़ सकती है। इस कारण 16 जून का रिजर्व डे एक अहम भूमिका निभा सकता है।
नतीजा: कौन होगा लॉर्ड्स का सरताज?
ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका दोनों ही टीमें मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण और ठोस बल्लेबाजी क्रम के साथ उतरेंगी। लेकिन लॉर्ड्स की पिच और इंग्लैंड का मौसम जिस तरह का मिजाज दिखा सकता है, उसमें संयम, धैर्य और रणनीति सबसे बड़े हथियार साबित होंगे।