US-China News: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, और इसके साथ ही उनके प्रशासन की विदेश नीति पर नई चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। विशेष रूप से चीन के साथ अमेरिका के रिश्तों को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच, ट्रंप के नवनियुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज ने इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं, जिससे विदेश नीति के दृष्टिकोण को लेकर स्थिति साफ होती दिख रही है।
चीन के साथ टकराव से बचने की रणनीति
माइक वाल्ट्ज ने यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (USIP) में एक सत्र के दौरान कहा कि ट्रंप प्रशासन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ टकराव से बचने की कोशिश करेगा। वाल्ट्ज ने कहा, "नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का विश्वास है कि हम चीन के साथ टकराव से बच सकते हैं क्योंकि उन्हें हमारे बाजारों की आवश्यकता है।" उनका यह बयान अमेरिका के व्यापारिक हितों को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाता है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चीन के साथ रिश्तों में संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जाएगी।
भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखना
वाल्ट्ज ने इस सत्र के दौरान यह भी संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखेगा। उन्होंने कहा, "मैं भविष्य में भारत का उल्लेख एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में करूंगा।" इसके साथ ही, सुलिवन ने भी अपनी बातों से वाल्ट्ज की सहमति जताई और कहा कि एक अच्छी चीन रणनीति, एक अच्छी एशिया रणनीति है, जो भविष्य में चीन के सामने आने वाली कठिन चुनौतियों को ध्यान में रखेगी।
भारत से रिश्तों में मजबूती का संकेत
वाल्ट्ज ने यह भी बताया कि वह पूर्व में 'अमेरिका-इंडिया कॉकस' के अध्यक्ष रहे हैं, और उन्होंने भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। सुलिवन ने भी वाल्ट्ज के भारत में लोकप्रियता को स्वीकार किया और बताया कि वहां के लोग 'इंडिया कॉकस' से प्यार करते हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि ट्रंप प्रशासन के तहत भारत के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे।
निष्कर्ष
ट्रंप के प्रशासन के लिए चीन और भारत के रिश्ते अहम होंगे। चीन के साथ टकराव से बचने और भारत के साथ साझेदारी को मजबूत करने की नीति, दोनों देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में संतुलन बनाए रखने का संकेत देती है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह विदेश नीति के महत्वपूर्ण पहलू होंगे, जो वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अमेरिका की स्थिति को आकार देंगे।