Neal Mohan / भारतीय मूल के नील मोहन YouTube के नए CEO बने, जानिए इनके बारे में ये 10 रोचक बातें

Zoom News : Feb 17, 2023, 10:27 AM
Neal Mohan: भारतीय मूल के नील मोहन को YouTube का नया CEO बनाया गया है। इससे पहले नील मोहन यूट्यूब के CPO थे। उन्हें प्रमोट कर ये जिम्मेदारी दी गई है। नील मोहन Google के साथ 2008 से काम कर रहे हैं। साल 2013 में कंपनी ने उन्हें 544 करोड़ रुपए का बोनस दिया था। वे पूर्व CEO सूसन डायने वोज्स्की की जगह लेंगे। सूसन ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया है। 54 साल की वोज्स्की ने कहा था कि वह अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहती हैं। साथ ही अपनी सेहत और व्यक्तिगत जीवन पर ध्यान देना चाहती हैं। इसलिए पद छोड़ रही हैं। वे साल 2014 में यूट्यूब की CEO बनी थीं।

सूसन ने नील को यूट्यूब का CEO बनाए जाने पर बधाई दी। सूसन ने कहा कि हम शॉर्ट्स, स्ट्रीमिंग और सब्सक्रिप्शन में जो कर रहे हैं वो शानदार है। नील हमें लीड करने के लिए सही व्यक्ति हैं। मुझे यूट्यूब पर उतना भरोसा है, जितना 9 साल पहले था। यूट्यूब के सर्वोत्तम दिन अभी आने वाले हैं।

नील मोहन के बारे में जान लीजिए

नील मोहन ने स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। नील ने अपने करियर की शुरुआत ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट से की थी, जहां उन्हें 60,000 डॉलर वेतन मिलता था। इसके अलावा नील ने एक्सेंचर में सीनियर एनालिस्ट के पद पर काम किया है। फिर वे DoubleClick Inc से जुड़े। इस कंपनी में 3 साल 5 महीने में नील मोहन ने डायरेक्टर, ग्लोबल क्लाइंट सर्विसेज के पद पर काम किया। इसके अलावा करीब ढाई साल वाइस प्रेसिडेंट बिजनेस ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभाली।

इसके बाद नील माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े, यहां 4 महीने काम करने के बाद वे वापस DoubleClick Inc लौट आए। फिर नील ने यहां 3 साल काम किया। DoubleClick Inc के बाद उन्होंने 2008 में बतौर Senior Vice President, Display and Video Ads गूगल में काम शुरू किया। साल 2015 में उन्हें यू-ट्यूब का चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बना दिया गया था।

1. यूट्यूब के नए सीईओ नील मोहन अपनी पत्नी हेमा सरीम के साथ सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं। 

2. नील मोहन ने अपने करियर की शुरुआत ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट से की थी। उस वक्त उनकी सालाना आय 60,000 डॉलर थी। ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट के बाद उन्होंने डबल क्लिक को ज्वाइन किया था, जिसे 2008 में गूगल ने खरीद लिया था। इसके बाद से ही नील मोहन गूगल कंपनी का हिस्सा बन गए थे।

3. नील मोहन ने साल 1996 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। 

4. 2005 में उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। 

5. मोहन को 2015 में यूट्यूब में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उन्होंने यूट्यूब में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए शॉर्ट्स, म्यूजिक और सब्सक्रिप्शन पर फोकस किया। 

6. बहुत कम ही लोग जानते हैं कि नील मोहन को ट्विटर की तरफ से भी नौकरी का ऑफर मिला था। इसका पता जैसे ही गूगल को लगा, गूगल ने उन्हें रोकने के लिए बोनस का ऐलान कर दिया। बोनस देकर गूगल ने उन्हें तीन सालों के लिए अपने पास रोक लिया था। गूगल ने उन्हें 544 करोड़ रुपए का बोनस भी दिया था। 

7. यूट्यूब के अलावा वो कपड़ों और फैशन कंपनी स्टिच फिक्स के बोर्ड निदेशक के रूप में भी काम करते हैं। 

8. नील 23 एंड मी जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान कंपनी के निदेशक मंडल में भी शामिल हैं। 

9. नील मोहन ने यूट्यूब के सीईओ बनाए जाने पर खुशी भी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया, 'धन्यवाद, सुसान वोजिकी, वर्षों से आपके साथ काम करना अद्भुत रहा है। आपने यूट्यूब को रचनाकारों और दर्शकों के लिए एक असाधारण घर बना दिया है। मैं इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं।' 

10. नील का पहला टारगेट यूट्यूब को फायदे में लाना है। इस वर्ष गूगल को अनुमानित सात बिलियन डॉलर कमाने का लक्ष्य बनाया है। 

सुसान वोजिकी ने क्यों दिया इस्तीफा?

टिकटॉक और फेसबुक की रील्स जैसी शॉर्ट-फॉर्म वीडियो सेवाओं और नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा के बीच यूट्यूब के विज्ञापन राजस्व में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट आई है। बताया जाता है कि इसकी वजह से ही सुसान ने अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। वे अपनी फैमिली, हेल्थ और पर्सनल प्रोजेक्ट को लेकर नया काम शुरू करेंगी। 

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