- भारत,
- 12-Aug-2025 01:58 PM IST
Share Market News: शेयर बाजार में निवेशक अपनी कमाई बढ़ाने के लिए पैसा लगाते हैं, लेकिन कई बार बाजार की गतिशीलता और रिटेल निवेशकों के फैसले उलट परिणाम दे जाते हैं। जब बाजार में तेजी होती है या दबाव दिखाई देता है, तो रिटेल निवेशक अक्सर अपने शेयर बेच देते हैं। लेकिन इसके बाद कहानी बदलती है—जिन शेयरों को बेचा जाता है, उनके दाम तेजी से बढ़ने लगते हैं। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि बाजार का एक ट्रेंड है, जिसके चलते जून 2025 तिमाही में निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
आंकड़ों की कहानी
प्राइम डेटाबेस ग्रुप के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में रिटेल निवेशकों ने 967 शेयरों में अपनी हिस्सेदारी कम की। आश्चर्यजनक रूप से, इन्हीं शेयरों ने उसी अवधि में औसतन 24% से ज्यादा का रिटर्न दिया। उदाहरण के लिए:
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल): छोटे निवेशकों ने लगभग 6,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, लेकिन इसके बावजूद शेयर में 18% की बढ़ोतरी देखी गई।
आरबीएल बैंक: रिटेल ओनरशिप 22.15% से घटकर 15.73% हो गई, फिर भी शेयर में 43% की उछाल आई।
टूरिज्म फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया: रिटेल निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 30.14% से घटाकर 21.37% की, लेकिन शेयरों में 40% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि रिटेल निवेशक अक्सर गलत समय पर शेयर बेच रहे हैं, जिससे वे बाजार की तेजी का लाभ नहीं उठा पाते।
रिटेल निवेशक शेयर क्यों बेच रहे हैं?
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में बाजार में एक अनोखा ट्रेंड देखा गया। एसबीआई सिक्योरिटीज़ के फंडामेंटल रिसर्च प्रमुख, सनी अग्रवाल, के अनुसार, सितंबर 2024 में बाजार अपने चरम पर था, लेकिन मार्च 2025 तक इसमें उतार-चढ़ाव शुरू हो गया। इस दौरान कई कारकों ने अस्थिरता को बढ़ाया:
वैश्विक और क्षेत्रीय अस्थिरता: ट्रंप के टैरिफ बयानों और मध्य पूर्व के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान के बीच भू-राजनीतिक तनावों ने बाजार में अनिश्चितता पैदा की।
मार्जिन का दबाव: कई निवेशकों ने मार्जिन फंडिंग और डेरिवेटिव्स (F&O) में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शेयर बेचे।
जल्दबाजी में बिकवाली: छोटी रैली के दौरान निवेशकों ने जल्दी शेयर बेच दिए, जिससे वे लंबी अवधि के लाभ से चूक गए।
निवेशकों की सबसे बड़ी गलती: बाजार को समझने में चूक
सैमको सिक्योरिटीज के मार्केट पर्सपेक्टिव्स एंड रिसर्च प्रमुख, अपूर्व शेठ, का कहना है कि रिटेल निवेशक अक्सर बाजार को सही से नहीं भांप पाते। कई निवेशक शेयर बाजार को कैसीनो की तरह देखते हैं और शेयरों को लॉटरी समझते हैं। वे वैल्यूएशन, फंडामेंटल्स और लंबी अवधि की संभावनाओं को नजरअंदाज कर त्वरित मुनाफे के पीछे भागते हैं। शेठ कहते हैं, "छोटी गिरावट के दौरान निवेशक घबरा जाते हैं और शेयर बेच देते हैं, भले ही कंपनी का लॉन्ग-टर्म आउटलुक मजबूत हो।"
निवेशकों के लिए सबक
बाजार के इस ट्रेंड से कुछ महत्वपूर्ण सबक सीखे जा सकते हैं:
धैर्य रखें: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं। छोटी अवधि की गिरावट में घबराकर शेयर बेचने से बचें।
फंडामेंटल्स पर ध्यान दें: कंपनी के बुनियादी कारकों, जैसे आय, ग्रोथ और मार्केट पोजीशन, का विश्लेषण करें।
लंबी अवधि का नजरिया अपनाएं: बाजार में तेजी का लाभ उठाने के लिए निवेश को लंबे समय तक होल्ड करें।
जोखिम प्रबंधन: मार्जिन फंडिंग और F&O में सावधानी बरतें, क्योंकि ये नुकसान को बढ़ा सकते हैं।
