Share Market News / GDP के बूस्टर डोज से शेयर बाजार ने बनाया नया रिकॉर्ड, निवेशकों ने कमाए 3 लाख करोड़

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ, सेंसेक्स 86,150 और निफ्टी 26,300 के पार निकल गए। यह उछाल अनुमान से बेहतर दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों के कारण आया, जिससे निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का फायदा हुआ।

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, जब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ। यह तेजी मुख्य रूप से शुक्रवार को जारी हुए दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़ों से प्रेरित थी, जो कि 8 प्रतिशत से अधिक रहे और बाजार के अनुमानों से कहीं बेहतर साबित हुए। इस मजबूत आर्थिक संकेत ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप शुरुआती कारोबार में ही निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ।

रिकॉर्ड स्तर पर भारतीय शेयर बाजार

महीने के पहले कारोबारी दिन, भारतीय शेयर बाजार ने जबरदस्त तेजी के साथ शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 452. 35 अंकों की शानदार बढ़त के साथ 86,159. 02 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सेंसेक्स 306. 09 अंकों की तेजी के साथ 86,022. 65 अंकों पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स 86,065. 92 अंकों पर खुला था, जबकि शुक्रवार को यह मामूली गिरावट के साथ 85,706. 67 अंकों पर बंद हुआ था और यह उछाल देश की मजबूत आर्थिक बुनियाद और भविष्य की वृद्धि की उम्मीदों को दर्शाता है।

निफ्टी ने भी छुआ नया रिकॉर्ड

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी इस तेजी में पीछे नहीं रहा। निफ्टी करीब 123 अंकों की बढ़त के साथ 26,325. 80 अंकों के नए सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर निफ्टी 88 अंकों की तेजी के साथ 26,290. 65 अंकों पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी आज सुबह रिकॉर्ड स्तर 26,325. 80 पर ही खुला था और शुक्रवार को निफ्टी मामूली तेजी के साथ 26,202. 95 अंकों पर बंद हुआ था। निफ्टी में यह तेजी विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक खरीदारी का संकेत देती है।

प्रमुख शेयरों में तेजी और गिरावट

30 शेयरों वाले सेंसेक्स में, कई प्रमुख शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया। बीईएल, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, एसबीआई, टाटा स्टील और एचसीएल टेक जैसे शेयरों में एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई, जिससे बाजार की समग्र तेजी को बल मिला। इन कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन ने निवेशकों को आकर्षित किया। हालांकि, कुछ शेयर दबाव में भी रहे, जिनमें बजाज फाइनेंस, आईटीसी और टाइटन कंपनी शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 0 और 2% की गिरावट दर्ज की गई। व्यापक बाजार में भी मजबूती रही, जिसमें स्मॉल-कैप और मिड-कैप सूचकांक क्रमशः 0. 6% और 0. 4% की बढ़त के साथ खुले, जो बाजार की व्यापक भागीदारी को दर्शाता है।

जीडीपी आंकड़ों का प्रभाव

सरकार द्वारा जारी दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों ने सभी पूर्वानुमानों को पीछे छोड़ दिया है, जो 8 प्रतिशत से अधिक रहे और इन आंकड़ों ने घरेलू मांग में मजबूत विश्वास जगाया है और ऐसे समय में जब वैश्विक संकेत अनिश्चित बने हुए हैं, भारत की एक उत्कृष्ट बाजार के रूप में स्थिति को मजबूत किया है। बेहतर जीडीपी आंकड़े अर्थव्यवस्था के स्वस्थ विकास का संकेत देते हैं, जिससे कंपनियों की आय और निवेशकों के रिटर्न की उम्मीदें बढ़ती हैं।

विदेशी बाजारों का हाल

शुक्रवार को थैंक्सगिविंग के बाद के संक्षिप्त सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी देखी गई और रिटेल सेक्टर में बढ़त और टेक सेक्टर में तेजी से प्रमुख सूचकांकों में उछाल आया। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0 और 61% बढ़कर 47,716. 42 पर, एसएंडपी 500 0. 54% बढ़कर 6,849. 09 पर और नैस्डैक कंपोजिट 0. 65% बढ़कर 23,365. 69 पर पहुंच गया। दिसंबर में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बेहतर उम्मीदों ने पूरे सप्ताह बाजार की धारणा को मजबूत बनाए रखा।

एशियाई बाजारों में मिश्रित रुख

प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के जारी होने से पहले अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की आशावादिता की वजह से एशियाई बाजारों ने 2025 के आखिरी महीने की शुरुआत स्थिर रुख के साथ की। निवेशकों ने जापान में निकट भविष्य में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना को भी ध्यान में रखा, जिससे येन को मजबूती मिली। जापान के बाहर एमएससीआई का सबसे बड़ा एशिया-प्रशांत सूचकांक 703. 19 पर स्थिर रहा, जो इस साल अब तक 23. 5% बढ़ा है और 2017 के बाद से इसका सबसे मजबूत वार्षिक प्रदर्शन है। हालांकि, जापान का निक्केई शुरुआती कारोबार में 1. 3% गिर गया।

सोने और कच्चे तेल की स्थिति

सोमवार को शुरुआती एशियाई कारोबार में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जो लगभग तीन हफ्ते के उच्च स्तर से नीचे आ गया। अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की मजबूत उम्मीदों के बावजूद निवेशकों ने मुनाफा कमाया। हाजिर सोना 0. 2% गिरकर 4,221. 68 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। इस बीच, चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई और वहीं, ओपेक+ द्वारा अगले वर्ष की पहली तिमाही में उत्पादन वृद्धि रोकने की योजना की पुष्टि के बाद सोमवार को तेल की कीमतों में 1. 5% तक की वृद्धि हुई। ब्रेंट क्रूड 0. 98% बढ़कर 62 और 99 डॉलर प्रति बैरल पर और यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 0. 99% बढ़कर 59. 12 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया और वेनेजुएला के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई की संभावना ने भी बाजार की बेचैनी बढ़ाई।

संस्थागत निवेशकों की भूमिका

संस्थागत मोर्चे पर, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 28 नवंबर को 3,795 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 4,148 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे। डीआईआई की मजबूत खरीदारी ने बाजार को समर्थन प्रदान किया और एफआईआई की बिकवाली के प्रभाव को कम करने में मदद की।

डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति

दिसंबर महीने के पहले दिन डॉलर के मुकाबले रुपया दबाव में देखने को मिल रहा है। रुपया फ्लैट खुला, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली की वजह से यह दबाव में आ गया। जानकारों का कहना है कि कारोबारी सत्र के दौरान रुपये में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है, जो आयातकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।