सोशल मीडिया / क्यों सोमवार रात को 6 घंटे तक ठप रहे थे फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप?

Zoom News : Oct 05, 2021, 11:25 AM
सोशल मीडिया: फेसबुक (Facebook) , इसके मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप (Whatsapp) और फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम (Instagram) ने सात घंटे तक डाउन रहने के बाद एक बार फिर काम करना शुरू कर दिया है. सर्वर डाउन होने के कारण दुनियाभर के लोग काफी प्रभावित हुए हैं. वहीं फेसबुक ने सोमवार देर रात कहा कि वह अपनी सेवाओं तक पहुंच बहाल करने के लिए काम कर रहा है और “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वे अब ऑनलाइन वापस आ रहे हैं.”

कंपनी ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाटसएप की सर्विस ठप होने पर लोगों को होने वाली परेशानी के लिए माफी मांगी और अपने उपयोगकर्ताओं को इतनी देर ऐप के वापस आने का इंतजार करने के लिए धन्यवाद दिया. हालांकि अबतक यह नहीं बताया गया है कि इस आउटेज का क्या कारण हो सकता है. डाउनडेटेक्टर, जो इंटरनेट के मुद्दों पर नजर रखता है, ने कहा कि दुनिया भर में 10.6 मिलियन से ज्यादा रिपोर्टों के साथ, फेसबुक का डाउन होना अबतक का सबसे बड़ा आउटेज था.

शेयरों में 4.9 फीसदी की गिरावट

वहीं सर्विस ठप होने के बाद फेसबुक के शेयरों में सोमवार को 4.9 फीसदी की गिरावट आई, जो पिछले नवंबर के बाद से उनकी सबसे बड़ी दैनिक गिरावट है. एक मैग्जीन मापन फर्म स्टैंडर्ड मीडिया इंडेक्स के अनुसार, आउटेज के दौरान फेसबुक को US विज्ञापन राजस्व में प्रति घंटे लगभग $545,000 का नुकसान हुआ है. कंपनी के अपने ईमेल सिस्टम सहित फेसबुक के कुछ आंतरिक एप्लिकेशन भी प्रभावित हुए है.

न्यू यॉर्क टाइम्स की टेक रिपोर्टर शीरा फ्रैंकलिन ने कहा है कि उन्होंने फेसबुक के साथ काम कर रहे शख्स से बात की है. उन्होंने बताया कि फेसबुक के कर्मचारी सुबह से बिल्डिंग में एंटर नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि उनके बैजेज काम नहीं कर रहे थे जिसके जरिए वो बिल्डिंग में एंटर करते थे.

कुछ इंटरनेट एक्सपर्ट का कहना है कि फेसबुक की सभी सर्विसेज बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल (BGP) की वजह से डाउन हुई थी. ये इंटरनेट का एक रूटिंग प्रोटोकॉल होता है. फेसबुक के वेबपेज पर दिए गए संदेश में डोमेन नेम सिस्टम (DNS) में एक त्रुटि के बारे में बताया गया, जो वेब पतों को उपयोगकर्ताओं को उनके गंतव्य तक ले जाने की अनुमति देता है.

क्या है DNS!

DNS को इंटरनेट बैकबोन कह सकते हैं. हम किसी भी कंप्यूटर में जब वेबसाइट ओपन करते हैं तो DNS आपके ब्राउजर को ये बताता है कि किसी भी वेबसाइट की आईपी क्या है. हर वेबसाइट की आईपी होती है. ट्विटर या फेसबुक के केस में DNS आपके ब्राउजर को जानकारी देता है कि ट्विटर और फेसबुक की आईपी क्या है. ऐसे में फेसबुक और ट्विटर का अगर रिकॉर्ड डीएनएस डाटाबेस से मिट जाता है तो आप और आपका कंप्यूटर ये नहीं जान पाएंगे कि फेसबुक और ट्विटर क्या हैं और उन्हें ऐक्सेस भी नहीं कर पाएंगे.

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