Coronavirus India / स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का दावा- भारत कोरोना का सबसे बुरा दौर अब खत्म, जनवरी में लगेगा टीका

Zoom News : Dec 21, 2020, 10:33 AM
Coronavirus India: भारत में एक करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दावा किया है कि कोरोना का सबसे बुरा दौर अब खत्म हो चुका है और जनवरी के किसी भी हफ्ते में भारत अपने नागरिकों को वैक्सीन देने की स्थिति में होगा। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि वैक्सीन के मामले में भारत किसी भी देश से पीछे नहीं है। नए साल के शुरुआती महीने में वैक्सीन लगना शुरू हो सकती है।

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, "कुछ ​महीनों पहले देश में कोरोना वायरस के 10 लाख सक्रिय मामले थे, अभी देश में करीब 3 लाख सक्रिय मामले हैं। कोरोना वायरस के एक करोड़ मामलों में से 95 लाख से ज़्यादा मामले ठीक हो चुके हैं। हमारा रिकवरी रेट दुनिया में सबसे ज़्यादा है। मुझे लगता है कि जितनी तकलीफों से हम गुजरे हैं अब वो खत्म होने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इतना बड़ा देश होते हुए दुनिया के दूसरे बड़े देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है।"

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, "भारत सरकार पिछले चार महीनों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां कर रही है। जिन 30 करोड़ लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी उनमें 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मी, 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर, 50 साल से अधिक उम्र के 26 करोड़ लोग और 50 साल से कम उम्र के करीब एक करोड़ लोग हैं जिनको कोई ​बीमारी है।"

क्या पोलियो की तरह भारत को कोरोना मुक्त करना संभव है?

इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि पोलिया ऐसी बीमारी थी, जिसका अस्तित्व साइंसटिफकली खत्म करना संभव था। उन्होंने कहा, 'दुनिया में अभी तक दो तरह के वायरस ही जड़ से खत्म हुए हैं। कोरोना अन्य बाकी बीमारियों की तरह ही है। कोरोना से लड़ने के लिए हमें हर तरह से तैयार रहना होगा।'

बता दें कि भारत में इस समय कुल 8 वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं। ये सभी ट्रायल अलग अलग चरणों में हैं। कुछ एडवांस स्टेज पर हैं, तो कुछ तीसरे चरण के अंतिम में हैं। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और आईसीएमआर द्वारा बनाई जा रही, वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) का ट्रायल तीसरे चरण में चल रहा है। इसका ट्रायल और निर्माण करने वाली भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने डीसीजीआई से इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की अनुमति मांगी है।

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