Asif Ali Zardari / जरदारी का दावा: मई युद्ध में भारत को सिखाया सबक, पाकिस्तान दोबारा युद्ध को तैयार

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि मई में हुए युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने भारत के आक्रमण का मजबूती से जवाब दिया, जिससे भारत को समझ आ गया कि युद्ध 'बच्चों का खेल' नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान की रक्षा क्षमताओं पर जोर दिया और भविष्य के किसी भी संघर्ष के लिए देश की तैयारी का दावा किया।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार को कराची में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए भारत के साथ मई में हुए संघर्ष पर महत्वपूर्ण बयान दिए और उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने उस दौरान भारत के आक्रमण का दृढ़ता से जवाब दिया, जिससे भारतीय नेतृत्व को यह स्पष्ट हो गया कि युद्ध कोई 'बच्चों का खेल' नहीं है। जरदारी के इन बयानों ने क्षेत्रीय सुरक्षा और दोनों देशों के बीच संबंधों पर एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों और नेतृत्व के संकल्प पर जोर दिया गया है।

मई के संघर्ष और भारत को सबक

राष्ट्रपति जरदारी ने अपने संबोधन में मई में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उस दौरान पाकिस्तान ने भारत की आक्रामकता का न केवल मजबूती से सामना किया, बल्कि उसे यह भी समझा दिया कि युद्ध एक गंभीर मामला है, न कि कोई खेल। जरदारी ने भारत को पाकिस्तान के संयम के लिए आभारी होने की सलाह दी, क्योंकि उनके अनुसार, यदि पाकिस्तान चाहता तो वह और भी भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिरा सकता था। यह बयान पाकिस्तान की सैन्य क्षमता और उसके नेतृत्व के रणनीतिक धैर्य को रेखांकित करता है, जो क्षेत्रीय तनाव के बीच एक मजबूत संदेश देने का प्रयास है।

आसिफ अली जरदारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब यह अच्छी तरह से समझ चुके हैं कि पाकिस्तान अपनी रक्षा करना जानता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में पाकिस्तान पर दोबारा युद्ध थोपा गया, तो देश पूरी तरह से तैयार है और किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। यह बयान पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उसके अटूट संकल्प को दर्शाता है और जरदारी ने यह भी कहा कि भले ही भारत खुद को एक बड़ी शक्ति मानता हो, लेकिन पाकिस्तान के नेतृत्व और उसकी सेना में जो हिम्मत और जज्बा है, वह भारत में नहीं है। उन्होंने मोदी को यह समझने की सलाह दी कि युद्ध के लिए केवल ताकत नहीं, बल्कि हिम्मत, संकल्प और बलिदान की भी आवश्यकता होती है।

नेतृत्व का साहस और दृढ़ संकल्प

जरदारी ने अपने व्यक्तिगत अनुभव का हवाला देते हुए नेतृत्व के साहस और दृढ़ संकल्प का एक मार्मिक उदाहरण प्रस्तुत किया और उन्होंने बताया कि मई में जब संघर्ष शुरू हुआ था, तब उन्हें बंकर में जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इस सलाह को ठुकरा दिया। जरदारी ने दृढ़ता से कहा कि नेता बंकरों में नहीं मरते, वे मैदान में मरते हैं और यह बयान उनके नेतृत्व शैली और संकट के समय में जनता के साथ खड़े रहने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पाकिस्तान की जनता और सेना के बीच एक मजबूत संदेश देने का प्रयास था कि उनका नेतृत्व किसी भी चुनौती से पीछे हटने वाला नहीं है।

फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की भूमिका

रैली के दौरान, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर ने भारत से युद्ध में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। बिलावल ने दावा किया कि मुनीर ने दुश्मन की आंखों में आंखें डालकर जवाब दिया और उनके नाम सुनते ही भारतीय प्रधानमंत्री मोदी छिप जाते हैं। बिलावल ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी मुनीर की तारीफ की है, और आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के रुख को स्वीकार कर रहा है। यह बयान मुनीर की सैन्य नेतृत्व क्षमता और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय। स्थिति को मजबूत करने में उनकी भूमिका को उजागर करता है।

बिलावल का भारत पर जीत का दावा

बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने संबोधन में यह भी दावा किया कि मई में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान की जीत हुई थी और उन्होंने इसे 2025 की पाकिस्तान की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया, हालांकि यह संभवतः एक त्रुटि थी और उनका आशय हाल की किसी उपलब्धि से रहा होगा। बिलावल ने बेनजीर भुट्टो की शहादत के 18 साल बाद भी देश के चारों प्रांतों से लोगों के जुटने को आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश बताया। यह रैली न केवल राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन थी, बल्कि राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता का प्रतीक भी थी।

ऐतिहासिक संदर्भ और भविष्य की दिशा

बिलावल ने पाकिस्तान के ऐतिहासिक नेताओं के योगदान को भी रेखांकित किया और उन्होंने कहा कि जुल्फिकार अली भुट्टो ने पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनाया, जिससे देश की रक्षा क्षमताएं मजबूत हुईं। इसके अलावा, उन्होंने आसिफ अली जरदारी की चीन के साथ दोस्ती मजबूत करने। और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की नींव रखने में भूमिका की सराहना की। ये बयान पाकिस्तान की विदेश नीति, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों को दर्शाते हैं। रैली में दिए गए ये बयान क्षेत्रीय भू-राजनीति में पाकिस्तान की स्थिति और भारत के साथ उसके संबंधों को लेकर उसके दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं, जिसमें आत्मरक्षा और संप्रभुता पर विशेष जोर दिया गया है।