- भारत,
- 16-Jun-2025 11:20 AM IST
Gold Price Today: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों ने इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को सोना 1,00,314 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। यह पहला मौका है जब घरेलू वायदा बाजार में सोने ने एक लाख रुपये की सीमा पार की है। इस उछाल के पीछे वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, भारतीय रुपये की कमजोरी और सट्टा गतिविधियों का अहम योगदान माना जा रहा है।
भू-राजनीतिक संकट बना तेजी का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव ने निवेशकों को सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्प की ओर आकर्षित किया है। SS वेल्थस्ट्रीट की संस्थापक सुगंधा सचदेवा के अनुसार, ईरानी ठिकानों पर इजरायली हमले ने वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ाई है, जिससे सोने की मांग में तेजी आई है। उन्होंने आशंका जताई कि अगर तनाव और बढ़ा, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
रुपये की कमजोरी ने बढ़ाई आयात लागत
वहीं, एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, भारतीय रुपया 60 पैसे गिरकर 86.10 प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। इससे आयातित सोने की लागत में इजाफा हुआ है, जिसका असर घरेलू कीमतों पर सीधा पड़ा है। डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और रुपये की गिरावट ने मिलकर सोने को महंगा कर दिया है।
सट्टा गतिविधियां भी पीछे की बड़ी वजह
जूलियस बेयर के रिसर्च हेड कार्स्टन मेनके ने चेताया कि मौजूदा तेजी पूरी तरह भू-राजनीतिक जोखिमों पर आधारित नहीं है। उनका मानना है कि एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग और सट्टा सौदों ने कीमतों को कृत्रिम रूप से ऊपर धकेला है। वे कहते हैं, "इतिहास गवाह है कि संकटों के समय में सोना हमेशा भरोसेमंद विकल्प साबित नहीं हुआ है।"
साल 2025 में अब तक 31% का शानदार रिटर्न
इस साल की शुरुआत से अब तक सोना लगभग 31% का रिटर्न दे चुका है, जिससे यह 2025 की सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली परिसंपत्ति बन गई है। वेंचुरा सिक्योरिटीज के एनएस रामास्वामी का मानना है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतें 1,02,000 रुपये तक जा सकती हैं।
लंबी अवधि में भी उम्मीदें बरकरार
बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स जैसे वैश्विक निवेश दिग्गजों ने अनुमान जताया है कि 2026 तक सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस का स्तर छू सकता है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी लंबी अवधि में सोने को मजबूत विकल्प मान रहे हैं।