Iran News / ईरान में 2 न्यायाधीशों की गोली मारकर हत्या, बताया जा रहा कट्टरपंथी

ईरान की राजधानी तेहरान में शनिवार को दो कट्टरपंथी न्यायाधीशों, मौलवी मोहम्मद मोगीसेह और अली रजिनी, की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर ने बाद में खुद को भी गोली मार ली। इस दुर्लभ हमले से देश में दहशत है। रजिनी पर 1999 में हत्या का प्रयास विफल हुआ था।

Iran News: ईरान की राजधानी तेहरान में न्यायपालिका पर दुर्लभ और सनसनीखेज हमला हुआ है। शनिवार को दो कट्टरपंथी न्यायाधीशों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे शहर में भय और आक्रोश का माहौल है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ के अनुसार, इस घटना में न्यायाधीश मौलवी मोहम्मद मोगीसेह और अली रजिनी की जान गई। घटना के दौरान एक न्यायाधीश के अंगरक्षक को भी गोली लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।

हमलावर ने खुद को भी मारी गोली

‘इरना’ के मुताबिक, इस जघन्य घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर ने खुद को भी गोली मार ली, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। फिलहाल, इस हमले के पीछे की मंशा और इसके अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है।

न्यायाधीशों के अतीत से जुड़े विवाद

न्यायाधीश मोगीसेह और रजिनी अपने कठोर फैसलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी सजा सुनाने के लिए जाने जाते थे। न्यायाधीश रजिनी पर पहले भी 1999 में हमला किया गया था, लेकिन वह प्रयास विफल रहा। 25 साल बाद, इस बार हमलावर सफल रहा और दोनों न्यायाधीशों की जान चली गई।

न्यायपालिका पर हमला असामान्य

ईरान में न्यायपालिका पर इस तरह का हमला बेहद दुर्लभ माना जाता है। यह घटना न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है, बल्कि न्यायपालिका में भय का माहौल भी पैदा करती है।

प्रतिक्रियाएं और जांच

घटना के बाद देश के अधिकारियों और नागरिकों के बीच गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। हत्या के पीछे की साजिश और संभावित षड्यंत्र का खुलासा करने की कोशिश की जा रही है।

सवालों के घेरे में सुरक्षा

इस घटना ने न्यायाधीशों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हमलावर अकेला था, या इसके पीछे कोई संगठित योजना थी? सुरक्षा व्यवस्था में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई? यह सब जानने के लिए जांच एजेंसियां जुटी हुई हैं।

निष्कर्ष

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने ईरान में कानून और व्यवस्था के प्रति जनता के विश्वास को हिला दिया है। यह घटना न्यायाधीशों और अन्य सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत को फिर से रेखांकित करती है। उम्मीद की जा रही है कि जांच एजेंसियां जल्द ही इस हमले के पीछे की सच्चाई सामने लाएंगी।