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- 28-Jun-2025 12:40 PM IST
Iran-US News: पश्चिम एशिया में हाल ही में हुई बमबारी के बाद ईरान और अमेरिका के बीच कूटनीतिक और राजनीतिक तनाव एक बार फिर उफान पर है। इस बार विवाद की जड़ हैं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच तेज होती जुबानी जंग, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक तल्ख कर दिया है।
खामेनेई की ‘विजय घोषणा’ और ट्रंप का पलटवारईरान-इजराइल युद्ध में कथित जीत का दावा करते हुए खामेनेई ने एक भाषण में इसे “इस्लामी गणतंत्र की ऐतिहासिक जीत” करार दिया। इसी भाषण के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने खामेनेई को “बदसूरत और अपमानजनक मौत” से बचाया था।ईरान का अमेरिका को करारा जवाबट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने X (पूर्व में ट्विटर) पर तीखी आलोचना की। उन्होंने ट्रंप को चेताया कि अगर वे सर्वोच्च नेता से कोई वार्ता या समझौता चाहते हैं, तो उन्हें अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल बंद करना होगा।अराघची ने ट्रंप की भाषा को “अस्वीकार्य और गैर-राजनयिक” बताया और कहा कि यह तेहरान और वाशिंगटन के बीच किसी भी संभावित कूटनीतिक रास्ते को अवरुद्ध करती है।ट्रंप के बड़े-बड़े दावेडोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने ईरान के तीन “परमाणु ठिकानों” को तबाह कर दिया है और उन्हें “सटीक जानकारी” थी कि खामेनेई कहां छिपे हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिका और इजराइल की सेनाओं को खामेनेई को निशाना बनाने से रोका। ट्रंप ने इजराइल को तेहरान पर बड़ा हमला करने से भी रोकने का दावा किया, जिसे वह “अंतिम नॉकआउट” कह रहे हैं।वैश्विक स्थिरता पर मंडराता संकटईरान-इजराइल युद्ध के बाद उपजे इस कूटनीतिक घमासान ने मध्य पूर्व की स्थिति को और जटिल बना दिया है। अमेरिका और ईरान दोनों की ओर से आ रही बयानबाजियां यह संकेत दे रही हैं कि आने वाले दिनों में रिश्तों में सुधार की उम्मीदें फिलहाल धूमिल हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह जुबानी जंग और ज्यादा बढ़ी, तो इसका प्रभाव वैश्विक राजनीति, कच्चे तेल के दामों और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा पड़ सकता है।