Iran-Israel Conflict / बस एक महीना और ईरान कर सकता है वो काम, जिसका US-इजराइल को डर

अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बावजूद IAEA प्रमुख का दावा है कि ईरान कुछ ही महीनों में यूरेनियम समृद्ध करना फिर शुरू कर सकता है। अमेरिका ने जहां क्षति की बात कही, वहीं ईरान ने समझौता निलंबित कर दिया और प्रोग्राम जारी रखने का संकल्प दोहराया।

Iran-Israel Conflict: भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री यह दावा कर रहे हों कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु प्रोग्राम को निर्णायक रूप से नष्ट कर दिया है, लेकिन इस दावे पर खुद अमेरिका के भीतर कई विशेषज्ञ और राजनीतिक धड़े सवाल उठा रहे हैं। अब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी का बयान इन दावों की सच्चाई को उजागर कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ईरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है और कुछ ही महीनों में यह फिर से बहाल हो सकती है।

IAEA का खुलासा: कुछ ही महीनों में बहाल हो सकता है कार्यक्रम

CBS न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में ग्रॉसी ने कहा, “ईरान कुछ सेंट्रीफ्यूज चालू कर समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन फिर से शुरू कर सकता है – और संभवतः उससे भी कम समय में।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिकी हमलों ने गंभीर क्षति जरूर पहुंचाई है, लेकिन यह पूर्ण विनाश नहीं था। ईरान के पास अब भी तकनीकी और औद्योगिक क्षमताएं हैं जो इसे फिर से सक्रिय कर सकती हैं।

अमेरिका की चेतावनी और ईरान की प्रतिक्रिया

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी अब फिर चर्चा में है। उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यदि ईरान ने दोबारा परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की, तो अमेरिका जवाबी हमला करेगा। इस बीच, अमेरिकी हमलों के बाद ईरान ने IAEA के साथ किया गया निरीक्षण समझौता निलंबित कर दिया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने साफ किया है कि उनका देश यूरेनियम एनरिचमेंट का कार्यक्रम जारी रखेगा।

हथियार नहीं, सिविल इस्तेमाल का दावा

ईरान लगातार यह दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं, बल्कि सिविल उपयोग, जैसे ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सा अनुसंधान के लिए है। लेकिन इजराइल और अमेरिका को इस पर भरोसा नहीं है। हालिया हमलों के बाद ईरानी संसद के कई सदस्यों ने बयान दिया कि बदलते हालात में देश की रक्षा के लिए परमाणु हथियार विकसित करना जरूरी हो गया है।