Iran-Israel Conflict / समय आने पर खुलासा करेंगे... कई देशों में हमने वेपन फैक्ट्री बनाई- ईरान

ईरान ने दावा किया है कि उसने कई देशों में हथियार फैक्ट्रियां बनाई हैं। रक्षा मंत्री अजीज नासिरजादेह ने कहा कि सीरिया, लेबनान, इराक और यमन में इनका ढांचा हो सकता है। इजराइल संग हालिया युद्ध के बाद ईरान ने अपनी रक्षा प्राथमिकताएं बदली हैं। अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ।

Iran-Israel Conflict: ईरानी रक्षा मंत्री अजीज नासिरजादेह ने हाल ही में एक सनसनीखेज दावा किया कि ईरान ने कई देशों में हथियार कारखाने और बुनियादी ढांचा स्थापित किया है। यह बयान इजराइल के साथ जून 2025 में हुए 12 दिन के युद्ध के दो महीने बाद आया है। नासिरजादेह ने कहा कि इन कारखानों का विवरण जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुविधाएं संभवतः सीरिया, लेबनान, इराक और यमन जैसे देशों में हो सकती हैं, जो ईरान के प्रभाव वाले क्षेत्र हैं।

युद्ध के बाद बदली रक्षा रणनीति

नासिरजादेह ने बताया कि इजराइल के साथ हाल के संघर्ष ने ईरान की रक्षा प्राथमिकताओं को बदल दिया है। अब ईरान का फोकस केवल मिसाइलों तक सीमित नहीं है, बल्कि वह व्यापक सैन्य क्षमताओं पर ध्यान दे रहा है। युद्ध के दौरान इजराइल ने नासिरजादेह के कार्यालय को भी निशाना बनाया था, जिससे ईरान की रणनीति में बदलाव की जरूरत और स्पष्ट हो गई।

ईरान का दावा: 15 दिन में इजराइल घुटने टेक देता

नासिरजादेह ने दावा किया कि अगर जून 2025 का युद्ध 15 दिन तक चला होता, तो इजराइली सेना ईरानी मिसाइलों को रोकने में असमर्थ होती। उन्होंने कहा कि युद्ध के अंतिम तीन दिनों में इजराइल की मिसाइल रक्षा प्रणाली पूरी तरह विफल हो जाती। इस वजह से अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम करना पड़ा। नासिरजादेह ने यह भी खुलासा किया कि ईरान ने अपनी अत्याधुनिक कासिम बसीर मिसाइल, जो 12 किमी की मारक क्षमता वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, का उपयोग करने से परहेज किया। इसके अलावा, ईरान ने पिछले साल नए वॉरहेड्स का परीक्षण किया था, जिन्हें अब और उन्नत किया गया है।

ओमान के साथ सैन्य अभ्यास

21 अगस्त 2025 को ईरान ने ओमान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किया, जो इजराइल के साथ युद्ध के बाद उसका पहला सैन्य अभ्यास था। इस दौरान ईरानी नौसेना ने ओमान की खाड़ी और उत्तरी हिंद महासागर में क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया। यह अभ्यास ईरान की बढ़ती सैन्य ताकत और क्षेत्रीय सहयोग को दर्शाता है।

इजराइल-ईरान युद्ध: एक संक्षिप्त अवलोकन

13 जून 2025 को इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य अड्डों पर हवाई हमले किए, जिसमें ईरानी सेना के शीर्ष कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों सहित 1,000 से अधिक लोग मारे गए। जवाब में, ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए पलटवार किया, जिसमें दर्जनों इजराइली नागरिक मारे गए। 24 जून को दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ, लेकिन यह संघर्ष क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाने वाला साबित हुआ।

एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस: ईरान का सैन्य गठबंधन

एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस एक अनौपचारिक राजनीतिक और सैन्य गठबंधन है, जिसका नेतृत्व ईरान करता है। इसका उद्देश्य मध्य पूर्व में पश्चिमी और इजराइली प्रभाव का मुकाबला करना और क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाना है। इस गठबंधन में सीरिया, लेबनान, इराक, यमन और फिलिस्तीन के कई उग्रवादी संगठन शामिल हैं, जिनमें हिजबुल्लाह, हूती विद्रोही, और हमास प्रमुख हैं। यह गठबंधन ईरान की क्षेत्रीय रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विदेशों में हथियार कारखानों की स्थापना के दावे को और विश्वसनीय बनाता है।