देश / मानसून सत्र के पहले दिन संसद में पेश होगें 23 विधेयक, विपक्ष ने की ये मांग

Zee News : Sep 14, 2020, 06:56 AM
नई दिल्ली: संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सीमा पर गतिरोध, कोरोना वायरस महामारी से निपटने और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है। विपक्षी पार्टियां इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती हैं, वहीं सरकार की नजर करीब दो दर्जन विधेयकों को पारित कराने पर है। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के बीच संसद सोमवार से 18 दिन के मानसून सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है। सत्र ऐसे समय आयोजित हो रहा है जब देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 94,372 नए मामले आए हैं। सरकार की नजर 23 विधेयकों पर चर्चा और इसे पारित कराने पर है। इसमें 11 ऐसे विधेयक भी हैं जो अध्यादेशों का स्थान लेंगे। इनमें से चार विधेयकों का विपक्षी दल विरोध कर सकते हैं। ये चारों विधेयक कृषि क्षेत्र और बैंकिंग नियमन से जुड़े अध्यादेश का स्थान लेंगे। विपक्षी दलों ने महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और लद्दाख में सीमा पर चीनी आक्रामकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने का फैसला किया है।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की पहली बैठक में इन मांगों को उठाया लेकिन इन चर्चाओं के लिए अब तक समय नहीं दिया गया है। लोकसभा के लिए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक एक बार फिर 15 सितंबर को होगी। इसमें पहले सप्ताह के लिए कार्य को लेकर मुद्दों पर चर्चा होगी। कांग्रेस ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति में भी इसी तरह की मांग की।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मौजूदा तथा पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दिए जाने के साथ दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होगी। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी जाएगी।

इसके बाद राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनाव होगा जबकि लोकसभा में ‘होम्यौपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020’ और ‘भारतीय औषधि केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020’ को रखा जाएगा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार बीएससी द्वारा तय सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है और सभी दलों से सहयोग करने की अपील की। मंत्री ने कहा कि भारत-चीन सीमा गतिरोध मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए या नहीं इस पर विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक मंगलवार को होगी।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि महामारी के कारण डर के साए और असाधारण समय में मानसून सत्र का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत और चीन टकराव की स्थिति में हैं, जीडीपी में गिरावट जारी है और महंगाई बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, ‘हम संसद में कई मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, जिसके बारे में देश और इसके नागरिक सुनना चाहते हैं।’

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पार्टी ने सीमा पर स्थिति और चीनी आक्रामकता के अलावा महामारी, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी को लेकर चर्चा कराने की मांग की है, लेकिन सरकार से अब तक कोई आश्वासन नहीं मिला है। चौधरी ने कहा, ‘हमने सरकार से आग्रह किया है कि संसद में हमारी आवाज सुननी चाहिए।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद के मानसून सत्र में सरकार द्वारा लाए जाने वाले 11 विधेयकों में से चार पर विरोध जताएंगे और अपनी चिंताओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगेगे।

रमेश ने कहा, ‘हम चीन के साथ सीमा पर स्थिति, अर्थव्यवस्था की हालत, कारोबार बंद होने, एमएसएमई उद्योग की दशा, कोविड-19 महामारी से निपटने, हवाई अड्डों के निजीकरण और मसौदा ईआईए अधिसूचना समेत कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चाहते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि विपक्ष को बोलने का मौका मिलेगा और राष्ट्र के गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी। हम अपेक्षा करते हैं कि हमारे द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री आते नहीं हैं और हम चाहते हैं कि वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मौजूद रहें।’

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सत्र के ज्यादातर हिस्से से अनुपस्थित रहेंगी क्योंकि वह नियमित जांच के लिए शनिवार को अमेरिका गयी हैं और एक पखवाड़ा बाद लौटेंगी। उनके साथ उनके पुत्र और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी गए हैं। राहुल गांधी के एक सप्ताह में लौट आने की संभावना है।

माकपा ने एक बयान में कहा कि वह लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा लागू 11 अध्यादेशों का विरोध करती है। शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मांग की है कि चीन के साथ गतिरोध, कोविड-19 महामारी, जीएसटी भुगतान और बेरोजगारी पर चर्चा होनी चाहिए।

सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा की बैठक सुबह नौ बजे से एक बजे तक होगी। राज्यसभा की कार्यवाही शाम तीन बजे शुरू होगी। बाकी दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुबह में चार घंटे होगी और लोकसभा की बैठक शाम में होगी। दोनों सदनों के चैंबरों और गैलरियों का इस्तेमाल दोनों पाली में सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा।


SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER