विजय हजारे ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गज, विराट कोहली और रोहित शर्मा, ने अपने बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी-अपनी टीमों को जीत दिलाई। बुधवार को खेले गए मैचों में, विराट कोहली ने दिल्ली के लिए 131 रनों की बेहतरीन पारी खेली, वहीं रोहित शर्मा ने मुंबई के लिए 155 रनों की विस्फोटक पारी खेली। इन शतकों ने न केवल उनकी टीमों को महत्वपूर्ण जीत दिलाई, बल्कि घरेलू क्रिकेट में उनकी वापसी को भी यादगार बना दिया। यह टूर्नामेंट इन दोनों खिलाड़ियों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल एक दिवसीय क्रिकेट प्रारूप में ही सक्रिय हैं।
विराट कोहली का शानदार शतक और दिल्ली की जीत
बेंगलुरु में खेले गए एक रोमांचक मुकाबले में, दिल्ली ने आंध्र प्रदेश को 4 विकेट से हराया। इस मैच में दिल्ली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और आंध्र प्रदेश ने निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 298 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया, जिसमें रिकी भुई ने 122 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। जवाब में, दिल्ली की टीम ने 37 और 4 ओवर में 6 विकेट खोकर 300 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। विराट कोहली ने अपनी 101 गेंदों की पारी में 14 चौके और 3 छक्के लगाकर 131 रन बनाए, जिससे टीम की जीत की नींव रखी गई। उनके अलावा, नीतीश राणा ने 77 रन और प्रियांश आर्या ने 74 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे दिल्ली की जीत सुनिश्चित हुई और कोहली की यह पारी उनकी क्लास और अनुभव का प्रमाण थी, जिसने मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम को स्थिरता प्रदान की।
रोहित शर्मा की विस्फोटक पारी और मुंबई का दबदबा
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में, रोहित शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी का जलवा दिखाते हुए मुंबई को सिक्किम पर 8 विकेट से शानदार जीत दिलाई। ग्रुप सी के इस मैच में सिक्किम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 50 ओवर में 7 विकेट पर 236 रन बनाए, जिससे मुंबई को 237 रन का लक्ष्य मिला। मुंबई ने इस लक्ष्य को मात्र 31 ओवर में 8 विकेट शेष रहते ही हासिल कर लिया और रोहित शर्मा ने सिर्फ 94 गेंदों में 9 छक्कों की मदद से ताबड़तोड़ 155 रन बनाए। उन्होंने ओपनर अंगकृष रघुवंशी (38 रन) के साथ मिलकर 141 रनों की मजबूत साझेदारी की, जिसने जीत की राह आसान कर दी। मुशीर खान 27 रन और सरफराज खान 8 रन बनाकर नाबाद लौटे। रोहित की यह पारी उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली का बेहतरीन। उदाहरण थी, जिसने विपक्षी टीम को कोई मौका नहीं दिया।
घरेलू क्रिकेट में वापसी का महत्व
यह टूर्नामेंट विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों के लिए घरेलू क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण वापसी का प्रतीक है। विराट कोहली ने विजय हजारे ट्रॉफी में अपना पिछला मैच फरवरी 2010 में सर्विसेज के खिलाफ खेला था, यानी 13 साल से भी अधिक समय बाद उन्होंने इस टूर्नामेंट में वापसी की है। वहीं, रोहित शर्मा 7 साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी खेल रहे हैं, उन्होंने आखिरी बार 2018 में टूर्नामेंट खेला था और इन दोनों खिलाड़ियों ने 2024-25 के रणजी सीजन में भी एक-एक रणजी मैच खेला था। जनवरी में, कोहली 12 साल बाद दिल्ली के लिए खेले थे, जबकि। रोहित ने 10 साल बाद मुंबई की ओर से मैच खेला था। यह वापसी उनके लिए अपनी फॉर्म और फिटनेस को बनाए रखने के साथ-साथ युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
बीसीसीआई का निर्देश और भविष्य की रणनीति
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रोहित शर्मा और विराट कोहली से स्पष्ट रूप से कहा था कि वनडे टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिए उन्हें घरेलू टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना होगा। यह निर्देश खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के बावजूद घरेलू क्रिकेट को महत्व देने और अपनी मैच फिटनेस बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। चूंकि रोहित और विराट अब टीम इंडिया के लिए केवल वनडे फॉर्मेट में खेलते हैं और टी-20 क्रिकेट तथा। टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं, इसलिए घरेलू टूर्नामेंटों में उनका प्रदर्शन और भागीदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि वे लगातार प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलते रहें और अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए तैयार रहें। इन शतकीय पारियों ने बीसीसीआई के इस निर्देश को सही ठहराया है और यह दर्शाया है कि शीर्ष खिलाड़ी भी घरेलू मंच पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम हैं।
युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों का घरेलू टूर्नामेंट में खेलना युवा खिलाड़ियों के लिए एक अमूल्य अनुभव प्रदान करता है। उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना, उनकी बल्लेबाजी को करीब से देखना और उनसे सीखना, युवा प्रतिभाओं के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन शतकों ने न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिभा को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि शीर्ष स्तर के खिलाड़ी भी घरेलू क्रिकेट को गंभीरता से लेते हैं। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो घरेलू ढांचे को मजबूत करने और भविष्य के सितारों को तैयार करने में मदद करेगा। इन प्रदर्शनों से यह भी स्पष्ट होता है कि दोनों खिलाड़ी अभी भी अपनी सर्वश्रेष्ठ। फॉर्म में हैं और भारतीय वनडे टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम हैं।