Zoom News : Mar 23, 2021, 05:25 PM
चंडीगढ़ में रहने वाली 25 साल की महिला कुछ समय पहले खून के आंसुओं के साथ अस्पताल पहुंची थीं। इस महिला का कहना था कि उनके आंखों से खून आ रहा है लेकिन उन्हें किसी प्रकार का दर्द या तकलीफ नहीं है। इस महिला ने ये भी बताया कि एक महीने पहले से उन्हें ये दिक्कत होनी शुरू हुई थी। हालांकि, इस महिला की कई रेडियोलॉजिकल और ऑप्थेमोलॉजिकल जांच के बाद भी डॉक्टर्स ये नहीं पता लगा पा रहे थे कि उन्हें आखिर क्या समस्या है।
इसके बाद डॉक्टर्स ने गहन जांच करनी शुरू की तो उन्हें पता लगा कि ये महिला एक बेहद दुर्लभ समस्या से गुजर रही हैं जिसे ocular vicarious menstruation कहा जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक इस महिला की आंखों से ब्लीडिंग तभी होती है जब ये महिला पीरियड्स पर होती है। डॉक्टर्स का कहना था कि जो भी इस महिला इस दुर्लभ कंडीशन से गुजर रही होती हैं, उन्हें अक्सर फेफड़े, किडनी, नाक, आंख और होंठों से खून आने की शिकायत होती है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने भी इस केस स्टडी को पब्लिश किया है। बता दें कि इस महिला को अगले तीन महीनों तक ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (एस्ट्रोजेन और प्रोग्रेस्टेरोन) दिया गया जिसके बाद इस महिला के आंखों से खून आना बंद हो गया था और अब इस बेहद दुर्लभ कंडीशन के लिए इन कॉन्ट्रासेप्टिव्स को एक प्रभावी उपाय के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि आंखों से खून आने की कंडीशन को हेमोक्लेरिया भी कहा जाता है। ये समस्या तब भी हो सकती है जब आंखों में किसी एंगल से चोट लग जाती है। हालांकि, इस महिला का मामला काफी अलग था और इसे एक बेहद दुर्लभ कंडीशन में शुमार किया जाता है। बता दें कि इससे पहले साल 2016 में एक ब्रिटिश टीनेजर मार्नी रे के साथ भी ऐसी ही समस्या सामने आई थी। रे के कान, नाक, मुंह और नाखूनों से खून आने लगता था और जब वे अपने पीरियड पर होती थीं तब उनके हालात और ज्यादा खराब हो जाते थे। वहीं साल 2014 में एक 31 साल की ब्लैक महिला के साथ भी ऐसी ही समस्या देखने को मिली थी।
इसके बाद डॉक्टर्स ने गहन जांच करनी शुरू की तो उन्हें पता लगा कि ये महिला एक बेहद दुर्लभ समस्या से गुजर रही हैं जिसे ocular vicarious menstruation कहा जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक इस महिला की आंखों से ब्लीडिंग तभी होती है जब ये महिला पीरियड्स पर होती है। डॉक्टर्स का कहना था कि जो भी इस महिला इस दुर्लभ कंडीशन से गुजर रही होती हैं, उन्हें अक्सर फेफड़े, किडनी, नाक, आंख और होंठों से खून आने की शिकायत होती है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने भी इस केस स्टडी को पब्लिश किया है। बता दें कि इस महिला को अगले तीन महीनों तक ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (एस्ट्रोजेन और प्रोग्रेस्टेरोन) दिया गया जिसके बाद इस महिला के आंखों से खून आना बंद हो गया था और अब इस बेहद दुर्लभ कंडीशन के लिए इन कॉन्ट्रासेप्टिव्स को एक प्रभावी उपाय के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि आंखों से खून आने की कंडीशन को हेमोक्लेरिया भी कहा जाता है। ये समस्या तब भी हो सकती है जब आंखों में किसी एंगल से चोट लग जाती है। हालांकि, इस महिला का मामला काफी अलग था और इसे एक बेहद दुर्लभ कंडीशन में शुमार किया जाता है। बता दें कि इससे पहले साल 2016 में एक ब्रिटिश टीनेजर मार्नी रे के साथ भी ऐसी ही समस्या सामने आई थी। रे के कान, नाक, मुंह और नाखूनों से खून आने लगता था और जब वे अपने पीरियड पर होती थीं तब उनके हालात और ज्यादा खराब हो जाते थे। वहीं साल 2014 में एक 31 साल की ब्लैक महिला के साथ भी ऐसी ही समस्या देखने को मिली थी।