दुनिया / UNSC में भारत के समर्थन में उतरे 5 देश, PAK की नापाक कोशिश नाकाम

AajTak : Sep 03, 2020, 08:42 AM
Delhi: भारत के खिलाफ पाकिस्तान की एक बड़ी चाल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) के 5 सदस्यों ने नाकाम कर दिया है। दरअसल पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से भारत के कुछ लोगों को आतंकी की लिस्ट में शामिल कराने की योजना बना रहा था जिसे यूएनएससी के पांच देशों ने विफल कर दिया है। परिषद् के ये पांच सदस्य देश हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम। इन देशों ने एक सुर में आवाज उठाई कि पाकिस्तान बिना किसी ठोस सबूत के भारत के खिलाफ मामला उठा रहा है।

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को आतंकी लिस्ट में डालने की नापाक कोशिश की है। यूएनएससी के पांच सदस्य देशों में दो अस्थायी और तीन पी5 राष्ट्र हैं। इन देशों ने यूएनएससी 1267 अल-कायदा सैंक्शंस कमेटी सेक्रेटेरियट से कहा कि पाकिस्तान के उस प्रस्ताव को रोक दिया जाए जिसमें भारतीय नागरिक अंगारा अप्पाजी और गोबिंद पटनायक दुग्गीवलासा के नाम आतंकी लिस्ट में डालने की बात है।   

सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि पाकिस्तान ने 4 भारतीय नागरिकों को इस सूची में डालने की कोशिश की है। इसी साल जून में पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक वेणुमाधव डोंगरा और अजय मिस्त्री का नाम भी इस लिस्ट में डालने की कोशिश की थी जिसे अमेरिका ने रोक दिया था। सूत्रों ने बताया कि इस साल भी पाकिस्तान ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाया जिससे कि भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोप तय हो सकें।

इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने एक ट्वीट में लिखा, पाकिस्तान ने आतंकवाद से जुड़े 1267 स्पेशल प्रोसीजर को राजनीति का रंग देने की कोशिश की लेकिन इसे यूएनएससी ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया। हम परिषद् के उन सभी सदस्यों का स्वागत करते हैं जिन्होंने पाकिस्तान की कोशिश को ब्लॉक कर दिया।  

इस साल जून महीने में इंडिया टुडे को उस नोट की डिटेल मिली थी जिसमें पाकिस्तानी योजना का खुलासा हुआ था। इसमें भारतीय नागरिक वेणुमाधव डोंगरा को आरोपी सिद्ध करने की कोशिश की गई थी। डोंगरा अफगानिस्तान में एक भारतीय कंस्ट्रक्शन कंपनी में इंजीनियर हैं। पाकिस्तान की इस कोशिश को अमेरिका ने यूएनएससी में विफल कर दिया था। पाकिस्तान ने भारत के चार नागरिकों पर आतंकी हमले का आरोप मढ़ा है और उसके इस कदम पर चीन का समर्थन मिला है।



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