8th Pay Commission / 8वें वेतन आयोग को कैबिनेट की मंज़ूरी: 1 लाख सैलरी पर कितना बढ़ेगा वेतन, जानें पूरा गणित

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंज़ूरी दे दी है, जिससे 1.18 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। 1 जनवरी, 2026 से लागू होने वाले बदलावों से वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है, खासकर 1 लाख की बेसिक सैलरी वालों के लिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफ्रेंस (टीओआर) को औपचारिक रूप से मंज़ूरी दे दी है। यह निर्णय 1. 18 करोड़ से ज़्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन स्ट्रक्चर में बड़े बदलावों की प्रक्रिया शुरू करेगा। यह लंबे समय से प्रतीक्षित कदम वेतन, भत्ते और पेंशन में दशकीय संशोधन की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है, जिसके नए वेतनमान 1 जनवरी, 2026 से पूर्वव्यापी रूप से लागू होने की उम्मीद है और यह घोषणा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

आयोग का गठन और कार्यक्षेत्र

इस आयोग का गठन मंत्रिमंडल द्वारा इसे प्रारंभिक मंज़ूरी दिए जाने के दस महीने बाद हुआ है और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पुष्टि की है कि आयोग के कार्यक्षेत्र, संरचना और समय-सीमा को अंतिम रूप दे दिया गया है। आयोग को अपने आधिकारिक गठन के 18 महीनों के भीतर सरकार को अपनी व्यापक सिफारिशें प्रस्तुत करनी होंगी। पैनल वर्तमान सैलरी स्ट्रक्चर, भत्ते और पेंशन फार्मूले की गहन समीक्षा करेगा और इस समीक्षा में मौजूदा आर्थिक स्थितियों, राजकोषीय विवेक की आवश्यकता और राज्य सरकार के वित्त पर संभावित प्रभाव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो आमतौर पर केंद्र की सिफारिशों को अपनाते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा कि वेतन वृद्धि स्थायी और व्यापक रूप से लाभकारी हो।

संभावित फिटमेंट फैक्टर और वेतन अनुमान

हालांकि 8वें वेतन आयोग ने अभी तक अपना आधिकारिक वेतन ढांचा जारी नहीं किया है,। लेकिन शुरुआती अनुमानों के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में भारी वृद्धि होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कर्मचारियों के वेतन में प्रति माह 18,000 से 19,000 रुपए तक का इजाफा देखने को मिल सकता है। यह अनुमान इस आधार पर है कि आयोग 2. 86 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश कर सकता है, जो मौजूदा मूल वेतन पर लागू एक मल्टीप्लायर है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अंतिम फैक्टर अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन पिछले आयोगों ने आमतौर पर 2. 57 (7वें वेतन आयोग) के आसपास के फैक्टर की सिफारिश की है, जो इस बार अधिक वृद्धि की संभावना की ओर इशारा करता है। **1 लाख सैलरी पर कितना इजाफा? वेतन वृद्धि का अंतिम आकार केंद्रीय बजटीय आवंटन से सीधे जुड़ा होने की संभावना है और वर्तमान में 1 लाख रुपए प्रति माह बेसिक सैलरी पाने वाले मध्यम स्तर के कर्मचारी के लिए, यह वृद्धि अलग-अलग हो सकती है: यदि सरकार 1. 75 लाख करोड़ रुपए आवंटित करती है, तो कर्मचारी का वेतन बढ़कर 1. 14 लाख रुपए प्रति माह हो सकता है। 2 लाख करोड़ रुपए के आवंटन के साथ, वेतन बढ़कर 1. 16 लाख रुपए प्रति माह हो सकता है। यदि आवंटन 2. 25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है, तो वेतन बढ़कर 1 और 18 लाख रुपए प्रति माह या उससे अधिक होने का अनुमान है। ये अनुमान विभिन्न बजट परिदृश्यों के तहत संभावित लाभों को दर्शाते हैं।

भत्तों का भी होगा पुनर्मूल्यांकन

वेतन वृद्धि के अलावा, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और यात्रा भत्ता (TA) जैसे भत्तों की भी रीकैलकुलेशन किया जाएगा और उन्हें बढ़ाया जाएगा। इन भत्तों का पुनर्मूल्यांकन कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बढ़ाने और बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह समग्र पैकेज केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बेहतर वित्तीय भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करेगा, जिससे उनका जीवन स्तर और भी बेहतर हो सकेगा।

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नया युग

8वें वेतन आयोग की मंज़ूरी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। यह कदम न केवल उनके वित्तीय कल्याण को संबोधित करता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी नई जान फूंक सकता है, क्योंकि बढ़ी हुई क्रय शक्ति से उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी और सरकार का यह निर्णय अपने कर्मचारियों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और एक मजबूत, प्रेरित कार्यबल सुनिश्चित करने के उसके दृष्टिकोण को दर्शाता है। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच उत्साह का माहौल है और वे नए वेतनमानों के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।