देश / अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालना प्राथमिकता: सर्वदलीय बैठक में केंद्र

Zoom News : Aug 26, 2021, 05:28 PM
नई दिल्ली: सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों से कहा है कि अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने आज साढ़े तीन घंटे चली सर्वदलीय बैठक में नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति की जानकारी दी। उसने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति गंभीर है, इसलिए भारतीय कर्मियों को बाहर निकालना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैठक के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर सभी दल सरकार के साथ हैं।

अब तक 565 लोगों को निकाला गया

संसदीय सौंध (Parliament House Annex) में आयोजित इस बैठक में जयशंकर के अलावा राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। पिछले सप्ताह अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनीतिक दलों के नेताओं को वहां के ताजा हालात की जानकारी दी। सरकार ने बताया कि अफगानिस्तान से अब तक 565 लोगों को निकाला गया। विदेश मंत्रालय की स्पेशल सेल में अब तक मदद के लिए 3,014 कॉल के जवाब दिए गए, वॉट्सऐप के जरिए 7,826 जवाब दिए गए जबकि ईमेल से भी 3,101 जवाब दिए गए।

हमें देश और लोगों के हित में एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने मीटिंग में 'वेट एंड वॉच' के लिए बोला है।

मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता, कांग्रेस संसदीय दल, राज्यसभा

31 दलों के 37 नेता मीटिंग में रहे मौजूद

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया को बताया कि 31 पार्टियों के 37 नेता बैठक में मौजूद थे। इस मुद्दे पर सरकार और सब राजनीतिक पार्टियों की एक जैसी राय है। उन्होंने कहा, 'हम ज्यादातर भारतीयों को वापस ले आए हैं लेकिन सबको वापस नहीं लाए हैं। हम कुछ अफगान नागरिकों को भी लाए हैं जो इस समय भारत आना चाहते थे। सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'

फंसे लोगों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता

बैठक में हिस्सा लेने वाले कुछ नेताओं के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान से यथासंभव अधिक लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रहा है । उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय कर्मियों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान की स्थिति को गंभीर बताया और कहा कि तालिबान ने दोहा समझौते में किये गए वादे को तोड़ा है। तालिबान नेताओं और अमेरिका के बीच फरवरी 2020 में हुए दोहा समझौते में धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र को रेखांकित किया गया था । इसमें काबुल में एक ऐसी सरकार की बात कही गई थी जिसमें अफगानिस्तान के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो।

हम ज्यादातर भारतीयों को वापस ले आए हैं लेकिन सबको वापस नहीं लाए हैं। हम कुछ अफगान नागरिकों को भी लाए हैं जो इस समय भारत आना चाहते थे। सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

इन नेताओं ने लिया मीटिंग में भाग

इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक से निकलने के बाद राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हमें देश और लोगों के हित में एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने मीटिंग में 'वेट एंड वॉच' के लिए बोला है।'

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