चंद्रयान 2 को लेकर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) का कहना है कि यह एक कठिन मिशन है और जो लोग इस तरह के कठिन मिशन को करने का बीड़ा उठाते हैं उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चंद्रयान 2 मिशन के आखिरी पल में लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने और अपेक्षा के अनुरूप सफलता नहीं मिलने के बाद इसरो के चेयरमैन के. सिवन के भावुक होकर रोने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र की तरफ से उन्हें गला लगाने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए डीआरडीओ प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि यह पीएम का एक अच्छा भाव था। अंतरिक्ष के आखिरी पल में नाकामी देखने वाले वैज्ञानिकों के लिए यह हौसला बढ़ाने वाला था।रेड्डी ने कहा- मैं ऐसा मानता हूं कि इसरो के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से मिशन को लेकर यह पता लगाना शुरू किया है कि आखिर वास्तव में हुआ क्या है? यही वजह है कि वे रोवर के लोकेशन का पता लगा पाए।डीआरडीओ चेयरमैन ने पाकिस्तानी मंत्री की तरफ से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का मजाक उड़ाए जाने पर कहा- वे लोग जिनके पास इस तरह का ऐसा कुछ नहीं है, मैं मानता हूं कि वे इसकी प्रशंसा नहीं कर सकते हैं और न ही इसकी कठिनाईयों को समझ सकते हैं।