देश / कैसा रहेगा संसद का शीतकालीन सत्र? मंथन के लिए कल होगी सर्वदलीय बैठक

Zoom News : Nov 27, 2021, 09:52 PM
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) 29 नवंबर (सोमवार) से शुरू होने जा रहा है. इससे पहले रविवार को 11 बजे सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) होगी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स भी शामिल होंगे. बैठक में विपक्ष किसानों को मुआवजा, एमएसपी और महंगाई के मुद्दे पर सरकार से सदन में चर्चा की मांग करेगा तो सरकार सभी दलों को संसद में पेश किए जाने वाले सभी बिल के बारे में जानकारी देगी. आखिर में प्रधानमंत्री इस बैठक को संबोधित करेंगे.

सोमवार को पेश होगा ये विधेयक

सरकार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों (New Farm Laws) को निरस्त करने संबंधी विधेयक सोमवार को लोक सभा में पेश करेगी, जिसमें कहा गया है कि किसानों का एक छोटा समूह इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है लेकिन समय की जरूरत है कि समावेशी विकास के लिए सबको साथ लेकर चला जाए. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी सोमवार की लोक सभा की कार्यवाही सूची में इस विधेयक को शामिल किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी.

सांसदों को जारी किया व्हिप

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर निचले सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे. सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर कहा है कि वे सोमवार को सदन में मौजूद रहें. लोक सभा की 29 नवंबर की कार्यवाही सूची के अनुसार, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020, कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को निरस्त करने और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन करने से संबंधित विधेयक पेश करेंगे.

ट्रैक्टर मार्च स्थगित

उधर, किसान नेताओं ने शनिवार को कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने संसद तक 29 नवंबर को आहूत अपने ट्रैक्टर मार्च को स्थगित कर दिया है और अगले महीने एक बैठक में आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. मार्च को स्थगित करने का निर्णय संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से दो दिन पहले किया गया है. पिछले एक साल से कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी कहा कि वह किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून की मांग पर संसद में आश्वासन चाहता है.

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER