Reliance Oil Strategy / अंबानी ने बदली रूसी तेल पर चाल: ट्रंप का डर और यूरोप का ख्याल आया सामने

मुकेश अंबानी की जामनगर रिफाइनरी ने रूसी तेल की खरीद कम कर दी है और मिडिल ईस्ट से आपूर्ति बढ़ा दी है। यह बदलाव अमेरिका के दबाव और यूरोप के प्रतिबंधों के कारण हो रहा है, जिससे रिलायंस के तेल खरीद पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है।

देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी पर अब अमेरिका और यूरोप का दबाव साफ दिखना शुरू हो गया है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर रिफाइनरी ने रूसी तेल की खरीद कम कर दी है और इसके बजाय मिडिल ईस्ट से अपनी आपूर्ति बढ़ा दी है। पिछले हफ्ते के आंकड़े स्पष्ट रूप से इस बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मिडिल ईस्ट से आपूर्ति और बढ़ेगी।

बदलती तेल खरीद रणनीति

दुनिया के सबसे बड़े तेल रिफाइनर के मालिक मुकेश अंबानी ने कच्चे तेल की आपूर्ति को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज अब रूसी तेल की आपूर्ति कम कर रही है और मिडिल ईस्ट से अधिक खरीद रही है। यह बदलाव ट्रंप प्रशासन के संभावित टैरिफ और रिलायंस के सबसे बड़े बाजार यूरोप के दबाव के कारण हो रहा है। यूरोपीय संघ द्वारा रूसी कच्चे तेल से बने ईंधन के आयात पर 21 जनवरी से प्रतिबंध लागू होने वाला है, जिसका रिलायंस के यूरोपीय संघ को रिफाइंड उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ सकता है और

मिडिल ईस्ट से बढ़ी खरीद

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी की रिफाइनरी ने इराक के बसरा मीडियम, अल-शाहीन और कतर लैंड से कम से कम 25 लाख बैरल तेल खरीदा है। हालांकि रिलायंस की सामान्य जरूरतों में मिडिल ईस्ट से कच्चे तेल की आपूर्ति होती है, हाल ही में यह खरीद काफी बढ़ी है। कंपनी मिडिल ईस्ट के तेल की गुणवत्ता के बारे में भी पूछताछ कर रही है, जो भविष्य में इस क्षेत्र से आपूर्ति में और वृद्धि का संकेत देता है और आमतौर पर, रिलायंस भारत में रूसी कच्चे तेल की सबसे बड़ी खरीदार रही है।

अमेरिका और यूरोप का दबाव

अमेरिका यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत पर रूसी कच्चे तेल के आयात को कम करने का दबाव बना रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि भारत मॉस्को से सभी तेल खरीद। बंद करने पर सहमत हो गया है, हालांकि नई दिल्ली ने इसकी पुष्टि नहीं की। स्थानीय रिफाइनरियों ने संकेत दिया है कि वे रूस से तेल की खरीद कम करेंगे, लेकिन पूरी तरह बंद नहीं करेंगे और

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 26 सितंबर के बाद से ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों. में 13% से अधिक की गिरावट आई है, जो $70. 13 प्रति बैरल से घटकर $60 और 58 प्रति बैरल हो गया है। अमेरिकी क्रूड ऑयल के दाम भी इसी अवधि में लगभग 14% टूट गए हैं।