US-China Trade War / चीन पर अमेरिका ने फिर फोड़ा टैरिफ बम, ड्रैगन पर लगाया 125% टैक्स

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध फिर तेज हो गया है। ट्रंप ने चीनी प्रोडक्ट्स पर 125% टैरिफ लागू किया। चीन पर “सम्मान की कमी” का आरोप लगाया। 75 देशों को अस्थायी राहत दी गई है। अब निगाहें चीन की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

US-China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच वर्षों से चल रहा व्यापार युद्ध अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ को बढ़ाकर 125 प्रतिशत करने का एलान कर दिया, जो तुरंत प्रभाव से लागू भी हो गया है। यह कदम सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि कूटनीतिक संकेत भी है कि अमेरिका अब वैश्विक व्यापार में अपनी प्राथमिकताओं को और स्पष्ट रूप से सामने रखेगा।

ट्रंप का बड़ा ऐलान और चीन पर तीखा हमला

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इस टैरिफ बम की घोषणा करते हुए चीन पर “वैश्विक बाजारों के प्रति सम्मान की कमी” का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को चीन से आर्थिक नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा। ट्रंप की यह आक्रामक रणनीति उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति की ही अगली कड़ी है, जिसमें वह अमेरिका की आर्थिक संप्रभुता को सर्वोच्च मानते हैं।

सहयोगियों को राहत, विरोधियों पर शिकंजा

इस टैरिफ फैसले के साथ ही ट्रंप ने 75 से अधिक देशों को अस्थायी राहत भी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो देश अमेरिका के विरुद्ध कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, उन्हें अगले 90 दिनों तक केवल 10 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। मैक्सिको और कनाडा जैसे करीबी व्यापारिक साझेदार इस छूट में शामिल हैं। ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने बताया कि इस 90 दिन की अवधि में अमेरिका व्यापार नियमों और साझेदारों के साथ संबंधों की समीक्षा करेगा।

बाजारों की प्रतिक्रिया: आशंका और उम्मीद दोनों

ट्रंप के ऐलान के कुछ ही घंटों बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में जोरदार उछाल देखने को मिला। NASDAQ में 9 प्रतिशत और S&P 500 में 8 प्रतिशत की तेजी इस बात का संकेत है कि निवेशक इस कदम को अमेरिका के पक्ष में एक रणनीतिक जीत मान रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह स्थिति अस्थायी हो सकती है यदि चीन की प्रतिक्रिया आक्रामक रही।

चीन की चुनौती: पलटवार की तैयारी?

इससे पहले भी जब अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाए थे, चीन ने न केवल अमेरिकी सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 84% कर दिया था, बल्कि अपने नागरिकों को अमेरिका यात्रा के प्रति सावधान भी किया था। अब एक बार फिर अमेरिका ने जबरदस्त आर्थिक दबाव बनाकर चीन को चौकन्ना कर दिया है। चीन की अगली चाल क्या होगी, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं, लेकिन अनुमान है कि वह या तो जवाबी टैरिफ लागू करेगा या वैश्विक मंचों पर अमेरिका के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश करेगा।

वैश्विक व्यापार की दिशा बदलने की तैयारी?

डोनाल्ड ट्रंप के इस नए फैसले ने यह साफ कर दिया है कि उनका प्रशासन वैश्विक व्यापार में लचीलेपन की बजाय कठोर और स्पष्ट दिशा में आगे बढ़ना चाहता है। जो देश अमेरिका के साथ पारदर्शिता और सम्मान से व्यापार करना चाहते हैं, उन्हें सहयोग मिलेगा, अन्यथा कड़े आर्थिक प्रतिबंध झेलने होंगे। इस नीति से अमेरिका जहां अपने घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना चाहता है, वहीं यह वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए एक नई चुनौती भी बन सकती है।