India-US Trade Deal / भारत से बिगड़े रिश्तों पर अमेरिका डैमेज कंट्रोल में जुटा, व्यापार समझौते पर शुरू हुई वार्ता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से बिगड़े रिश्तों को सुधारने के लिए भारत-अमेरिका ने नई वार्ता शुरू की है। अमेरिकी टीम का नेतृत्व ब्रेंडन लिंच और भारतीय पक्ष से राजेश अग्रवाल कर रहे हैं। दोनों देशों के निर्यात और टैरिफ विवाद सुलझाने पर फोकस रहेगा।

India-US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव देखने को मिला था। अब इस स्थिति को संभालने के लिए ट्रंप प्रशासन ने डैमेज कंट्रोल की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ताजा अपडेट के अनुसार, भारत और अमेरिका के मुख्य वार्ताकारों ने मंगलवार को एक प्रस्तावित व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू की है। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य उन भारी टैरिफ से उत्पन्न अनिश्चितताओं को दूर करना है, जिन्होंने विशेष रूप से भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतियां पैदा की हैं।

वार्ता में कौन-कौन शामिल है?

इस महत्वपूर्ण वार्ता में अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच कर रहे हैं। वहीं, भारत की ओर से वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल मुख्य वार्ताकार हैं। लिंच सोमवार देर रात भारत पहुंचे थे, और यह उनकी पहली ऐसी यात्रा है, जब से अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल की खरीद के जवाब में भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क और 25 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगाया है। भारत ने इस 50 प्रतिशत के संयुक्त शुल्क को अनुचित करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। दोनों पक्षों के बीच यह एक दिवसीय वार्ता टैरिफ विवाद को सुलझाने और व्यापारिक रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि

अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए टैरिफ का मूल कारण भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद को माना जा रहा है। भारत ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों और वैश्विक बाजार की गतिशीलता पर आधारित है। भारत का यह रुख रहा है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विविध स्रोतों पर निर्भर रहता है, और रूस से तेल खरीद इस नीति का हिस्सा है। हालांकि, अमेरिका ने इसे अपने हितों के खिलाफ मानते हुए भारतीय निर्यात पर भारी शुल्क लगाए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया।

पीएम मोदी और ट्रंप की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों के सकारात्मक मूल्यांकन पर गर्मजोशी से प्रतिक्रिया दी थी। ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को मजबूत करने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद यह वार्ता शुरू हुई है। भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि वह अपने व्यापार समझौतों में किसानों, डेयरी उत्पादकों, और एमएसएमई (लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों) के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देगा। भारत सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह ऐसी नीतियों का समर्थन करेगी, जो राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हों और देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दें।

वार्ता से अपेक्षाएं

इस वार्ता से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को कम करने और एक संतुलित व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता टैरिफ को कम करने या हटाने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नए अवसर तलाश सकती है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लंबे समय से मजबूत रहे हैं, और यह वार्ता इस रिश्ते को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।