दुनिया / बेलारूस में तेज हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन, रूस ने कहा- जरुरत पड़ने पर दे सकते हैं सैन्य मदद

बेलारूस में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। यहां रविवार को राजधानी मिंस्क में सरकार के त्यागपत्र की मांग को लेकर अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ। पिछले हफ्ते अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दोबारा से राष्ट्रपति बनने के बाद से लगातार उनका विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली के आरोप लग रहे हैं।

बेलारूस में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। यहां रविवार को राजधानी मिंस्क में सरकार के त्यागपत्र की मांग को लेकर अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ। पिछले हफ्ते अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दोबारा से राष्ट्रपति बनने के बाद से लगातार उनका विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली के आरोप लग रहे हैं।

उधर रूस ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह लुकाशेंको को सैन्य मदद की पेशकश करेगा, लेकिन विरोध प्रदर्शन में पुलिस की कोई मौजूदगी नहीं थी, जिसकी वजह से लगभग 200,000 लोग इन प्रदर्शनों में शामिल हुए। वहीं चुनावी मतदान के बाद से यहां कम से कम दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है और हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया है।

रैलियों का माहौल, जो देर शाम तक खत्म हो गया, पूरी तरह से जश्न में डूबा हुआ था। इस दौरान लोगों ने अपने हाथों में 1991 के सोवियत संघ से पहले  बेलारूस में इस्तेमाल किए गए लाल और सफेद रंग के झंडे इस्तेमाल किए। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, 'हम सभी चाहते हैं कि लुकाशेंको कुर्सी छोड़ें।'

26 साल तक सत्ता में रहे लुकाशेंको के विरोधियों का कहना है कि इस तथ्य को खारिज करने के लिए वोट की हेराफेरी की गई कि उन्हें जनता का समर्थन मिला है। उन्होंने 80 प्रतिशत से अधिक वोट के आधिकारिक परिणामों का हवाला देते हुए हार मानने से इनकार किया।

क्रेमलिन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लुकाशेंको से कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो मॉस्को एक सामूहिक सैन्य समझौते के अनुसार बेलारूस की सहायता करने के लिए तैयार है