- भारत,
- 29-Sep-2025 04:40 PM IST
GST Reform 2025: हाल ही में सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती की घोषणा की है, जिससे टीवी, एयर कंडीशनर, और कार जैसी बड़ी वस्तुएं सस्ती होने की उम्मीद जगी है। खासकर दिवाली जैसे त्योहारों के मौके पर यह खबर उपभोक्ताओं के लिए खुशी का सबब लगती है। इसके साथ ही सरकार ने GST को सरल बनाने और ब्याज दरों में कमी करके लोगों को खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की है, ताकि अर्थव्यवस्था में तेजी आए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह कटौती वाकई में आम खरीदारों के लिए फायदेमंद है, या यह सिर्फ एक दिखावा है?
GST 2.0: क्या हैं नए बदलाव?
22 सितंबर, 2025 से GST की दरों को तीन सरल स्लैब्स—5%, 18%, और 40%—में बांट दिया गया है। इसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को और पारदर्शी व उपभोक्ता-अनुकूल बनाना है। खास तौर पर, दवाओं और दूध जैसे जरूरी सामानों पर टैक्स की दरों में कमी की गई है, जिससे आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। साथ ही, एयर कंडीशनर, टीवी, और कारों जैसी महंगी वस्तुओं पर भी टैक्स कम किया गया है।
उदाहरण के लिए:
छोटी कारों की कीमतों में 40,000 से 75,000 रुपये तक की कमी आई है।
दोपहिया वाहनों पर टैक्स कम होने से उनकी कीमतें 7,000 से 18,800 रुपये तक घटी हैं।
ये बदलाव सतह पर तो उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी दिखते हैं, लेकिन क्या वाकई में ये बचत ग्राहकों तक पहुंच रही है?
क्या GST कटौती से वास्तविक बचत हो रही है?
GST दरों में कटौती के बाद कई सामानों की कीमतें कम हुई हैं, लेकिन बाजार की हकीकत कुछ और बयान करती है। कई खुदरा विक्रेता और ब्रांड अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) बढ़ाकर इस कटौती का लाभ अपने पास रख लेते हैं। उदाहरण के लिए, एक एयर कंडीशनर की बिक्री कीमत भले ही कम दिखे, लेकिन उसकी MRP को बढ़ा दिया जाता है। इससे दुकानदारों को भारी छूट देने का दावा करने का मौका मिलता है, जबकि ग्राहक को वास्तविक बचत न के बराबर होती है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में हुई GST कटौती के बाद किए गए एक सर्वे में पाया गया कि केवल 20% खरीदारों को ही वास्तविक लाभ मिला। बाकी मामलों में, बचत का बड़ा हिस्सा ब्रांड्स और दुकानदारों ने अपने पास रख लिया। इस बार भी ऐसी स्थिति बनने की आशंका है, जिससे उपभोक्ताओं को सावधान रहने की जरूरत है।
त्योहारी सीजन में सावधानी बरतें
दिवाली जैसे त्योहारों का मौसम खरीदारी के लिए सबसे उत्साहजनक समय होता है। GST कटौती के साथ-साथ दुकानदारों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स द्वारा दी जाने वाली छूट और ऑफर खरीदारों को आकर्षित करते हैं। लेकिन इस चकाचौंध में जल्दबाजी में खरीदारी करना समझदारी नहीं है। आपकी आय में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है, ऐसे में क्रेडिट कार्ड या EMI पर निर्भरता बढ़ाना बाद में आर्थिक तनाव का कारण बन सकता है। सिर्फ इसलिए कि कोई सामान सस्ता दिख रहा है, जरूरत से ज्यादा खर्च करना ठीक नहीं।
कैसे करें स्मार्ट खरीदारी?
GST कटौती का लाभ उठाने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है:
कीमतों की तुलना करें: ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स पर कीमतों की जांच करें। कई बार एक ही प्रोडक्ट की कीमत अलग-अलग जगहों पर अलग होती है।
MRP पर नजर रखें: यह सुनिश्चित करें कि टैक्स कटौती का लाभ आपको मिल रहा है, न कि ब्रांड या दुकानदार इसे अपने मार्जिन में जोड़ रहे हैं।
EMI और क्रेडिट कार्ड का सोच-समझकर उपयोग करें: आकर्षक ऑफर के चक्कर में अनावश्यक कर्ज लेने से बचें। केवल उतना ही खर्च करें, जितना आपकी जेब अनुमति दे।
जरूरत को प्राथमिकता दें: त्योहारी सीजन में ऑफर देखकर गैर-जरूरी चीजें खरीदने से बचें।
सचेत रहें, समझदारी से खरीदें
GST कटौती निश्चित रूप से उपभोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसका पूरा लाभ तभी मिलेगा जब आप सावधानी से खरीदारी करें। दुकानदारों और ब्रांड्स की मार्केटिंग रणनीतियों को समझें, कीमतों की तुलना करें, और अपनी जरूरतों के हिसाब से ही खर्च करें। त्योहारों की खुशी को कर्ज के बोझ में बदलने से बचाने के लिए समझदारी से कदम उठाएं। सस्ते सामान का लालच तभी फायदेमंद है, जब वह आपकी जेब और जरूरतों के अनुकूल हो।
