पाकिस्तान के नव नियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने सोमवार को रावलपिंडी के GHQ में अपना पदभार संभाला और इस अवसर पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जो उनके नए और महत्वपूर्ण कार्यकाल की शुरुआत का प्रतीक था। अपने पहले सार्वजनिक भाषण में, मुनीर ने क्षेत्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान की रक्षा क्षमताओं पर एक मजबूत संदेश दिया, जिसमें भारत को विशेष रूप से चेतावनी दी गई।
भारत को स्पष्ट चेतावनी
अपने संबोधन में, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भारत को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि उसे किसी भी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में पाकिस्तान पर कोई हमला होता है, तो पाकिस्तान का जवाब पहले से कहीं अधिक तेज और कड़ा होगा। यह बयान पाकिस्तान की रक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, जो। संभावित आक्रमणकारियों के लिए एक मजबूत निवारक के रूप में कार्य करने का इरादा रखता है। मुनीर ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को परखने की अनुमति किसी को नहीं देगा, जो देश की सुरक्षा के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आधुनिक युद्ध और भविष्य की चुनौतियाँ
मुनीर ने आधुनिक युद्ध के बदलते स्वरूप पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि युद्ध अब केवल पारंपरिक युद्धक्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि साइबरस्पेस, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम,। स्पेस, इन्फॉर्मेशन वॉर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे नए क्षेत्रों तक फैल गया है। उन्होंने पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के लिए इन आधुनिक चुनौतियों के अनुरूप खुद को। ढालने और अपनी क्षमताओं को लगातार उन्नत करने की आवश्यकता पर बल दिया। यह टिप्पणी दर्शाती है कि पाकिस्तान की सैन्य नेतृत्व भविष्य की सुरक्षा आवश्यकताओं के प्रति सचेत है और तकनीकी प्रगति को अपनी रक्षा रणनीति में एकीकृत करने का लक्ष्य रखता है।
शांतिपूर्ण राष्ट्र की दृढ़ता
अपने भाषण में, आसिम मुनीर ने पाकिस्तान को एक शांतिपूर्ण राष्ट्र बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस शांतिपूर्ण स्वभाव को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए और उन्होंने दोहराया कि इस्लामाबाद किसी को भी अपनी क्षेत्रीय अखंडता या संप्रभुता को परखने की अनुमति नहीं देगा। यह बयान पाकिस्तान की दोहरी नीति को दर्शाता है: एक ओर शांति और स्थिरता की इच्छा, और दूसरी ओर अपनी सीमाओं और हितों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना और नागरिकों द्वारा प्रदर्शित धैर्य और सहनशीलता की भी। सराहना की, जो देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में उनके लचीलेपन को उजागर करता है।
CDF और COAS के रूप में नियुक्ति
आसिम मुनीर को 4 दिसंबर को पाकिस्तान सरकार द्वारा देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) नियुक्त किया गया था। यह एक ऐतिहासिक नियुक्ति है क्योंकि वह पाकिस्तान के पहले सैन्य अधिकारी हैं जो एक साथ इन दोनों महत्वपूर्ण पदों को संभालेंगे। दोनों पदों पर उनका कार्यकाल पांच साल का होगा। उनकी नियुक्ति को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मंजूरी दी थी, जो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भेजी गई सिफारिश के बाद हुई थी। मुनीर को इसी साल फील्ड मार्शल के पद पर भी पदोन्नत किया गया था, जिससे उनकी सैन्य करियर में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई।
संवैधानिक संशोधन और परमाणु कमान
मुनीर की नियुक्ति से पहले, पाकिस्तानी संसद ने 12 नवंबर को। सेना की ताकत बढ़ाने वाला 27वां संवैधानिक संशोधन पारित किया था। इस संशोधन के तहत, चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के पद को समाप्त कर CDF का नया पद बनाया गया और इस नए पद के सृजन के साथ ही आसिम मुनीर को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कमान भी मिल गई है, जिससे वे देश के सबसे ताकतवर शख्स बन गए हैं। यह संशोधन पाकिस्तान की सैन्य संरचना में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व। करता है, जिसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और दक्षता बढ़ाना है।
अफगानिस्तान को स्पष्ट संदेश
पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव के संदर्भ में, फील्ड मार्शल मुनीर ने काबुल में अफगान तालिबान शासन को एक स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अफगान तालिबान के पास तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तान में से किसी एक को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और यह बयान पाकिस्तान की इस चिंता को दर्शाता है कि TTP अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कर रहा है। पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल प्रतिबंधित TTP को 'फितना अल-खवारिज' के रूप में अधिसूचित किया था, जो इस्लामी इतिहास के एक ऐसे समूह का संदर्भ है जो हिंसा में शामिल था और यह पाकिस्तान की ओर से TTP के खिलाफ एक मजबूत रुख का संकेत है।
डिफेंस फोर्सेज हेडक्वार्टर का लक्ष्य
पदभार ग्रहण समारोह में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे और मुनीर ने नए बने डिफेंस फोर्सेज हेडक्वार्टर को एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य थलसेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त। क्षमताओं को एकजुट करना है ताकि मल्टी-डोमेन ऑपरेशन की ताकत बढ़ाई जा सके। मुनीर ने स्पष्ट किया कि यह मुख्यालय तीनों सेनाओं के ऑपरेशनों में तालमेल करेगा, जबकि उनकी संगठनात्मक संरचना और स्वायत्तता पहले जैसी बनी रहेगी। इस पहल का लक्ष्य पाकिस्तान की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत। करना और भविष्य के सुरक्षा परिदृश्यों के लिए बेहतर तैयारी करना है। समारोह में एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू और नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीन अशरफ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जो इस महत्वपूर्ण अवसर की गरिमा को बढ़ाते हैं। फील्ड मार्शल के तौर पर आसिम मुनीर अगले पांच सालों तक CDF के साथ-साथ आर्मी चीफ का। पद भी संभालेंगे, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा और सैन्य रणनीति में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।