इंडिया / कमलेश तिवारी हत्याकांड में ATS को मिली कामयाबी, पकड़े गए कातिल, जानें कैसे हुई गिरफ्तारी

हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या करने वाले अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान को गुजरात एटीएस ने मंगलवार शाम गुजरात-राजस्थान सीमा से गिरफ्तार कर लिया। गुजरात के अरवल्ली जिले के शामलाजी में दोनों को पकड़ा गया। गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कुबूल भी कर लिया है।

नई दिल्ली | हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या करने वाले अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान को गुजरात एटीएस ने मंगलवार शाम गुजरात-राजस्थान सीमा से गिरफ्तार कर लिया। गुजरात के अरवल्ली जिले के शामलाजी में दोनों को पकड़ा गया। 

एक कॉल से पकड़े गए: पुलिस शाहजहांपुर में घेराबंदी कर कर दोनों को तलाश रही थी, इसी बीच दोनों आरोपी पुलिस को चकमा देकर यूपी से निकल गए और रास्ते से सूरत में अपने परिवार को संपर्क कर रुपयों का बंदोबस्त करने के लिए कहा। बस, यही फोन कॉल गुजरात एटीएस ने ट्रेस कर ली और इन आरोपियों तक पहुंच गई।

गुनाह कुबूला: गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कुबूल भी कर लिया है। यूपी के डीजीपी को इस गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। इन दोनों ने 18 अक्तूबर को लखनऊ के खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी की घर में घुसकर हत्या कर दी थी। दोनों भगवा वेश में वारदात करने पहुंचे थे। हत्या के बाद होटल खालसा इन में इन लोगों ने कपड़े बदले और ट्रेन से बरेली भाग गए।

अशफाक एमआर और मोइनुद्दीन डिलीवरी ब्वॉय: गुजरात एटीएस के मुताबिक अशफाक (34) सूरत में ग्रीन व्यू अपार्टमेंट और मोइनुद्दीन (27) सूरत के उमरवाड़ा की लोकास्ट कॉलोनी के रहने वाले हैं। अशफाक एक निजी कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव और मोइनुद्दीन फूड डिलीवरी ब्वॉय है। ये लोग सूरत से 17 अक्तूबर की रात लखनऊ पहुंचे थे। 18 अक्तूबर को हत्या के बाद से ही ये फरार चल रहे थे।

तीन साजिशकर्ता पहले से गिरफ्तार

कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी रशीद पठान उर्फ राशिद, मोहसिन शेख और फैजान घटना के दूसरे दिन ही सूरत में पकड़ लिए गए थे। इनमें फैजान ने ही सूरत में एक दुकान से मिठाई खरीदी थी। हत्यारे मिठाई के डिब्बे में ही पिस्टल और चाकू छिपाकर लाए थे।

कर्नाटक से भी एक साथी पकड़ा

कमलेश हत्याकांड में कर्नाटक से भी एक युवक को हिरासत में लिया गया है। इसके साजिशकर्ताओं और दोनों हत्यारों से संबंध बताए जा रहे हैं। इसकी बात अशफाक और सूरत में पकड़े गए साजिशकर्ताओं से वारदात से पहले हुई थी।

इधर-उधर भागकर चुनौती दे रहे थे दोनों

एटीएस और पुलिस को चुनौती देते हुए दोनों हत्यारोपियों ने बार-बार लोकेशन बदली। तीन दिनों से वे बरेली और शाहजहांपुर के आसपास छिपे रहे और मौका मिलते ही गुजरात निकल गए।

गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की हत्या लखनऊ स्थित खुर्शीदबाग में उनके घर में बने ऑफिस में 18 अक्टूबर (शुक्रवार) को गला रेतकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने हत्यारों को ऊपर ढाई-ढाई लाख रूपये का ईनाम रखा था। कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से लगातार आरोपी हत्यारे अशफाक और मोइनुद्दीन लगातार बचकर भागते फिर रहे थे। सीसीटीवी कैमरे से लगातार पुलिस को उन दोनों के बारे में क्लू मिलती रही। इसके साथ ही, लखनऊ के जिस होटल में दोनों रुके थे वहां से भी पुलिस को खून से सने चाकू और अन्य चीजें बरामद हुई। 

इससे पहले, हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्‍याकांड में साजिश करने वाले तीन आरोपी मौलाना शेख सलीम (24), फैजान (23) और राशिद अहमद पठान (23) हैं। इन्‍हें गुजरात एटीएस ने हत्‍या के दूसरे दिन 19 अक्टूबर को सूरत में पकड़ा था।