अयोध्या आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है,। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। इस भव्य आयोजन के लिए रामनगरी को एक अभेद्य किले में बदल दिया गया है, जहां सुरक्षा के कड़े और अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, और परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
सुरक्षा का अभेद्य घेरा
प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति को देखते हुए, अयोध्या में सुरक्षा का एक विशाल और अभेद्य घेरा तैयार किया गया है और कुल 6970 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें विभिन्न परीक्षेत्रों से 14 एसपी, 30 एएसपी, 90 डीएसपी, 242 पुरुष इंस्पेक्टर, 1060 उप निरीक्षक, 80 महिला उप निरीक्षक, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल और 448 महिला हेड कांस्टेबल शामिल हैं। यह विशाल बल सुनिश्चित करेगा कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो।
विशेष सुरक्षा इकाइयाँ और तकनीकी विशेषज्ञता
सुरक्षा व्यवस्था में विशेष इकाइयों की भी तैनाती की गई है। एटीएस कमांडो की 02 टीमें और एनएसजी स्नाइपर की 02 टीमें रणनीतिक स्थानों पर मुस्तैद रहेंगी। इसके अतिरिक्त, एक एंटी-ड्रोन यूनिट और लगभग 90 तकनीकी विशेषज्ञ भी सुरक्षा घेरे का हिस्सा हैं, जो किसी भी हवाई या तकनीकी खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं। 04 साइबर कमांडो भी निगरानी में लगे हुए हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक विजिलेंस सुनिश्चित करेंगे।
अयोध्या को छावनी में तब्दील करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का भी व्यापक उपयोग किया जा रहा है। बम डिटेक्शन टीम, डॉग स्क्वॉड, वीवीआईपी सुरक्षा निरीक्षण दल, ट्रैफिक मैनेजमेंट यूनिट, फायर यूनिट और रिस्पॉन्स टीम की तैनाती की गई है और माइंस टीम, बीडीएस यूनिट, एक्स-रे स्कैनिंग मशीन, सीसीटीवी मॉड्यूल, हाई रिस्पॉन्स वैन, पेट्रोलिंग यूनिट और एंबुलेंस यूनिट्स भी तैनात हैं। विशेष जांच के लिए हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्शन डिवाइस, वाहन माउंटेड स्कैनर और बैगेज एक्सरे स्कैनर का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। ड्रोन निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक विजिलेंस भी लगातार जारी है।
प्रधानमंत्री का विस्तृत कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या में आज का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा। सुबह करीब 10 बजे, वह सप्तमंदिर जाएंगे और महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी मंदिर में शीश झुकाएंगे। इसके बाद, सुबह करीब 11 बजे, वह माता अन्नपूर्णा मंदिर भी जाएंगे। इन दर्शनों के उपरांत, प्रधानमंत्री राम दरबार गर्भगृह में दर्शन-पूजन करेंगे। दोपहर करीब 12 बजे, वह श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे, जो आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण है।
ध्वजारोहण का शुभ मुहूर्त और प्रतीकवाद
यह ऐतिहासिक ध्वजारोहण मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी पर श्रीराम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ होगा। यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है और फहराया जाने वाला झंडा 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा समकोण वाले तिकोने आकार का होगा। इस पर भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूरज की तस्वीर अंकित है। इसके साथ ही, कोविदारा पेड़ की तस्वीर के साथ 'ॐ' भी लिखा है और यह पवित्र भगवा झंडा रामराज्य के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।
मंदिर की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विरासत
झंडा पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर आर्किटेक्चरल स्टाइल में बने शिखर पर फहराया जाएगा, जो भारतीय मंदिर वास्तुकला की भव्यता को दर्शाता है। मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा, जिसे दक्षिण भारतीय आर्किटेक्चरल परंपरा में डिजाइन किया गया है, मंदिर की स्थापत्य विविधता को प्रदर्शित करता है और मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े 87 बारीकी से पत्थर पर उकेरे गए प्रसंग हैं। घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य-ढाल वाले प्रसंग रखे गए हैं, जो मंदिर को एक जीवंत सांस्कृतिक संग्रहालय बनाते हैं।
यातायात और भीड़ प्रबंधन
सुरक्षा व्यवस्था में यातायात प्रबंधन भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। कुल 16 ट्रैफिक इंस्पेक्टर, 130 ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर और 820 ट्रैफिक पुलिस के जवान यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए तैनात किए गए हैं। पार्किंग प्रबंधन के लिए 38 कर्मी और भीड़ नियंत्रण के लिए बैरियर मॉड्यूल भी लगाए गए हैं और वीआईपी रूट और मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है, और रूट डायवर्जन पर भी पुलिस तैनाती सुनिश्चित की गई है। स्नाइपर और हाई ग्राउंड सर्विलांस भी सुरक्षा का एक अभिन्न अंग है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जायजा
आयोजन के मद्देनजर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को ही अयोध्या पहुंच गए थे। उन्होंने वहां मंदिर परिसर में होने वाले आयोजन की तैयारियों को व्यक्तिगत रूप से परखा। उन्होंने मंदिर प्रशासन और जनपद प्रशासन द्वारा की गईं तैयारियों का भी गहनता से जायजा लिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी व्यवस्थाएं त्रुटिहीन हों और कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो।