Cricket / 10 साल पुरानी घटना पर बोले बेल- मैं जिम्मेदार था, धोनी का कोई कसूर नहीं था

Zoom News : May 14, 2021, 11:34 AM
Delhi: साल 2011 के नॉटिंघम टेस्ट में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने खेल भावना की अनूठी मिसाल पेश की थी। जिसकी यादें आज भी फैन्स के जेहन में है। उस मैच में अंपायर के आउट देने के बावजूद धोनी ने इयान बेल को वापस बुला लिया था। अब घटना के करीब 10 साल बाद बेल ने इसके लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है। 

एक यूट्यूब चैनल पर बेल ने कहा, 'मैं उस घटना के लिए खुद को दोषी मानता हूं। जब मैंने मान ही लिया था कि गेंद चौके के लिए जा चुकी है तो मुझे टी ब्रेक मानकर पवेलियन की ओर नहीं जाना चाहिए था। लेकिन धोनी को उस चीज के लिए आईसीसी का दशक का खेल भावना पुरस्कार (ICC Spirit of Cricket Award of the Decade) का अवॉर्ड मिला। लेकिन गलती मेरी तरफ से थी और मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।'

यह पूरा वाकया तीसरे दिन चायकाल से ठीक एक गेंद पहले हुआ। उस समय इंग्लैंड की दूसरी पारी में इयान बेल 137 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे। ईशांत शर्मा की गेंद को इयोन मॉर्गन ने डीप स्क्वॉयर लेग की ओर खेला। इयान बेल को ऐसा लगा की गेंद ने बाउंड्री को टच कर लिया है और वो तीन रन पूरे किए बगैर मॉर्गन के पास आ गए और 'टी टाइम' मानकर पवेलियन की ओर जाने लगे। लेकिन प्रवीण कुमार ने बांउड्री लाइन पर गेंद को रोक लिया और उन्होंने गेंद को धोनी की ओर थ्रो किया। धोनी ने फिर गेंद को नॉन-स्ट्राइकर एंड पर फेंका, जहां अभिनव मुकुंद ने स्टम्प बिखेर दिए। भारतीय खिलाड़ियों ने रन आउट की अपील की और अंपायर ने बेल को रन आउट करार दिया।

चायकाल के दौरान इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और कोच एंडी फ्लावर चायकाल के दौरान भारतीय ड्रेसिंग रूम में अपील वापस लेने का अनुरोध करने पहुंचे। धोनी ने टीम मैनेजमेंट से चर्चा करने के बाद अपील वापस ले ली। ऐसे में चायकाल के बाद जब मैच शुरू हुआ, तो बेल फिर से इयोन मॉर्गन के साथ मैदान पर उतरे। ऐसे में मैदान पर उपस्थित दर्शक हैरत में पड़ गए। थोड़ी देर पहले जो दर्शक टीम इंडिया की हूटिंग कर रहे थे, वही भारतीय टीम की तारीफ में तालियां बजा रहे थे। 

इयान बेल उस पारी में 159 रन बनाकर आउट हुए। इंग्लैंड ने नॉटिंघम टेस्ट मैच को 319 रनों के बड़े अंतर से जीता था। अगले दो टेस्ट मैचों में भारत को शिकस्त झेलनी पड़ी थी और उसका 4-0 से सूपड़ा साफ हो गया था। पिछले साल आईसीसी ने इस खेल भावना के लिए एमएस धोनी को दशक का 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड' से नवाजा था।


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