- भारत,
- 29-Jun-2025 10:43 AM IST
Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में आयोजित जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और अव्यवस्थित भीड़ नियंत्रण व्यवस्था के कारण श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य घायल हो गए। हादसा सुबह करीब 4:30 बजे हुआ, जब हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए एकत्र हुए थे।
भगदड़ का कारण: भीड़, ट्रक और अव्यवस्थाघटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहले से ही भारी भीड़ जुटी थी और उसी दौरान दो ट्रकों के उस भीड़ में प्रवेश की कोशिश ने हालात और बिगाड़ दिए। संकरी जगह, पर्याप्त पुलिस बल की कमी और रथों के आसपास बिखरे ताड़ के लट्ठे स्थिति को और जटिल बना गए। अचानक मची भगदड़ में कई श्रद्धालु जमीन पर गिर पड़े और उन्हें कुचलने से चोटें आईं।मृतकों की पहचान और गंभीर घायलों की स्थितिपुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ एस. स्वैन ने पुष्टि की कि मृतकों की पहचान बसंती साहू (बोलागढ़), प्रेमकांत मोहंती और प्रवती दास (बालीपटना) के रूप में हुई है। घायलों को तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। छह लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।एक दिन पहले भी सामने आई थी स्वास्थ्य आपात स्थितियह घटना उस स्वास्थ्य आपातकाल के एक दिन बाद हुई, जिसमें गर्मी, थकावट और भीड़ के कारण करीब 750 श्रद्धालु बेहोश हो गए थे। इनमें से 230 को संक्रामक रोग अस्पताल (IDH) और 520 अन्य को जिला मुख्यालय अस्पताल (DHH) भेजा गया था। एक गंभीर मरीज को कटक के SCB मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में रेफर किया गया है।रथ यात्रा: श्रद्धा का पर्व, लेकिन सुरक्षा बनी चुनौतीजगन्नाथ रथ यात्रा भारत की सबसे भव्य और भीड़भाड़ वाली धार्मिक यात्राओं में से एक है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को भव्य रथों में विराजित कर श्रीमंदिर से श्रीगुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इस यात्रा का हिस्सा बनने पुरी पहुंचते हैं।सरकार की प्रतिक्रिया: उच्च स्तरीय जांच के आदेशओडिशा सरकार ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा, “तीन श्रद्धालुओं की मौत बेहद दुखद है। हम दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”भविष्य के लिए सबकइस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और आपदा प्रतिक्रिया व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुरी जैसे धार्मिक और पर्यटन केंद्रों में इस तरह की बड़ी धार्मिक सभाओं के दौरान सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था को और सशक्त बनाना समय की मांग है।