COVID-19 Update / कोरोना वैक्सीन को लेकर बिल गेट्स ने दिया बड़ा बयान, कहा- वैक्सीन से कोरोना नहीं होगा इसकी गारंटी नहीं

News18 : Jun 26, 2020, 05:59 PM
नई दिल्ली। कोरोना ने फिलहाल पूरे विश्व को परेशान करके रखा है। इस महामारी से पूरे विश्व के देश अपनी पूरी ताकत से लड़ रहे हैं। इसको रोकने के लिए तमाम उपायों के साथ इसकी वैक्सीन बनाने में पूरे विश्व की अनेकों कंपनियां और वैज्ञानिक दिन-रात एक किये हुए हैं। कुछ कंपनियों द्वारा बनाई जाने वाली वैक्सीन अपने अंतिम चरण में हैं। लेकिन वैक्सीन बन गई उसके बाद कोरोना का संक्रमण होगा ही नहीं होगा इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती है। ऐसा माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कहा है।

 वैक्सीन के दो फायदे होंगे 

अमेरिका के सीएनएन चैनल से बात करते हुए बिल गेट्स ने कहा कि इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। इस वैक्सीन के दो फायदे होंगे पहला ये कि वैक्सीन बीमारी से बचाव करेगी और दूसरा ये कि कोरोना का संक्रमण रोका जा सकेगा। लेकिन वैक्सीन के कारण आपको कोरोना का संक्रमण होगा ही नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है।

गेट्स ने आगे कहा कि फिलहाल कोरोना प्रतिबंधक वैक्सीन की आवश्यकता है। इस समय अलग-अलग आयु वर्ग के व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं पर टेस्टिंग करने का समय ही नहीं है। लिहाजा ऐसे समय में वैक्सीन की टेस्टिंग की उचित और अचूक जानकारी जमा करना कठिन है।

कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए बिल गेट्स फाउंडेशन ने 3 लाख करोड़ रुपये खर्च किये 

बिल गेट्स ने कोरोना को लेकर विश्व और अमेरिका की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की है। अमेरिका में कोरोना टेस्टिंग अधिक हो रही है इसलिए संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, वाइट हाउस के इस दावे को उन्होंने अनुचित ठहराया है। अमेरिका में एक दिन में 37 हजार नए मरीज मिले। एक ही दिन में मिले नए मरीजों की ये संख्या पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से 40 अरब डॉलर यानी तकरीबन 3 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।


कई देशों में वैक्सीन की टेस्टिंग अंतिम चरण पर 

इस बीच कई देशों में वैक्सीन की टेस्टिंग अंतिम चरण में पहुंच गई है। महाराष्ट्र टाइ्म्स में छपी खबर के मुताबिक ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्सीन अंतिम चरण में पहुंच गई है। सिर्फ ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ही निर्णायक दौर में पहुंच गई है। वहीं अमेरिका की मॉडर्ना इंक कंपनी की वैक्सीन दूसरे चरण में पहुंच गई है जबकि चीन की कुछ कंपनियों की बनाई हुई वैक्सीन की दूसरे चरण की टेस्टिंग चल रही है।

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