- भारत,
- 26-Nov-2025 05:27 PM IST
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें देश के औद्योगिक और शहरी विकास को गति देने वाले प्रस्ताव शामिल हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दुर्लभ पृथ्वी (रेयर अर्थ) स्थायी चुंबकों के निर्माण को बढ़ावा देने वाली एक नई योजना को मंजूरी दी गई, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अतिरिक्त, पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के तहत दो नई लाइनों को भी हरी झंडी मिली है, जिससे पुणे शहर की यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है। इन फैसलों से न केवल औद्योगिक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि शहरी परिवहन भी अधिक सुगम और पर्यावरण-अनुकूल बनेगा।
रेयर अर्थ मैग्नेट मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन
केंद्र सरकार ने ‘सिन्टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स के निर्माण को बढ़ावा देने की योजना’ को मंजूरी देकर देश में रेयर अर्थ मैग्नेट के उत्पादन को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस योजना के लिए कुल 7,280 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज आवंटित किया गया है और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना का मुख्य लक्ष्य देश में 6,000 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष (MTPA) की उत्पादन क्षमता स्थापित करना है। यह क्षमता निर्माण देश को इन महत्वपूर्ण घटकों के लिए विदेशी निर्भरता कम करने में मदद करेगा।रणनीतिक क्षेत्रों में उपयोग और क्षमता आवंटन
रेयर अर्थ मैग्नेट्स का उपयोग कई रणनीतिक और उच्च-तकनीकी क्षेत्रों में होता है, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहन, एयरोस्पेस उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेस और रक्षा क्षेत्र शामिल हैं। इन मैग्नेट्स की घरेलू उपलब्धता से इन सभी क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी। योजना के तहत, कुल 6,000 MTPA क्षमता को वैश्विक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से पांच चयनित कंपनियों को आवंटित किया जाएगा। प्रत्येक लाभार्थी कंपनी को अधिकतम 1,200 MTPA की क्षमता मिल सकेगी, जिससे उत्पादन में विविधता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी।पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-2 का विस्तार
पुणे शहर के लिए एक बड़ी खबर यह है कि केंद्रीय कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के फेज-2 के तहत दो नई लाइनों को मंजूरी दे दी है। इनमें लाइन 4 (खराड़ी–हडपसर–स्वारगेट–खड़कवासला) और लाइन 4A (नाल स्टॉप–वारजे–माणिक बाग) शामिल हैं। ये दोनों लाइनें पुणे के विभिन्न महत्वपूर्ण हिस्सों को जोड़ेंगी और शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।परियोजना का विवरण और वित्तपोषण
इन दोनों नई मेट्रो लाइनों की संयुक्त लंबाई लगभग 31. 6 किलोमीटर होगी और इनमें कुल 28 एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत करीब 9,857. 85 करोड़ रुपये है। यह प्रोजेक्ट अगले पांच साल में पूरा होने की उम्मीद है। इसका वित्तपोषण भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी फंडिंग एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा, जो इस परियोजना के महत्व को दर्शाता है।यातायात में सुधार और कनेक्टिविटी
नई मेट्रो लाइनों से पुणे शहर के कई व्यस्त मार्गों पर यातायात का दबाव कम होने की उम्मीद है और इनमें खराड़ी आईटी पार्क, हडपसर औद्योगिक क्षेत्र, स्वारगेट, सिन्हगड रोड, करवे रोड और मुंबई–बेंगलुरु हाईवे जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन लाइनों से शहर में तेज, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल यातायात को बढ़ावा मिलेगा। यह दोनों लाइनें मौजूदा मेट्रो कॉरिडोर—स्वारगेट (लाइन 1), खराड़ी बायपास और नाल स्टॉप (लाइन 2)—से भी सहज रूप से जुड़ेंगी, जिससे यात्रियों को निर्बाध यात्रा का अनुभव मिलेगा। हडपसर रेलवे स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे विभिन्न परिवहन माध्यमों के बीच समन्वय स्थापित होगा।यात्री संख्या में वृद्धि और भविष्य की योजनाएं
महा-मेट्रो द्वारा लागू की जाने वाली इस परियोजना से दैनिक यात्री संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। अनुमान है कि संयुक्त दैनिक यात्री संख्या 2028 में 4. 09 लाख से बढ़कर 2058 तक 11. 7 लाख से अधिक हो जाएगी। इस मंजूरी के साथ, पुणे मेट्रो नेटवर्क 100 किलोमीटर से अधिक हो जाएगा, जिससे। शहर को भविष्य में और बेहतर, तेज और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन का लाभ मिलेगा। महा-मेट्रो निर्माण से लेकर सभी सिस्टम कार्यों को संभालेगी, जिससे परियोजना का कुशल निष्पादन सुनिश्चित होगा।मुंबई-पुणे रेल मार्ग पर क्षमता वृद्धि
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे से जुड़ी एक अन्य महत्वपूर्ण मंजूरी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में बदलापुर और करजत के बीच नई मंजूर तीसरी और चौथी रेल लाइन से व्यस्त मुंबई-पुणे रूट पर क्षमता में काफी वृद्धि होगी। दिवा-बदलापुर चार-लाइन का अधिकांश काम पहले ही पूरा हो चुका है या चालू हो चुका है और इस बढ़ोतरी से मुंबई को पुणे और आगे वाडी और गुंटकल के रास्ते हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कॉरिडोर और मजबूत होगा। यह निर्णय पश्चिमी और दक्षिणी भारत के बीच रेल कनेक्टिविटी को और। बेहतर बनाएगा, जिससे माल ढुलाई और यात्री यातायात दोनों को लाभ होगा।VIDEO | Delhi: “The newly approved third and fourth rail lines between Badlapur and Karjat in Maharashtra will significantly expand capacity on the busy Mumbai–Pune route. With much of the Diva–Badlapur four-line work already completed or commissioned, this addition strengthens… pic.twitter.com/qBpJjFSOuO
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2025
