सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (SaaS) कंपनी कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंडिया के शेयरों ने 21 नवंबर को शेयर बाजार में एक नाटकीय शुरुआत की। शुरुआती निराशाजनक लिस्टिंग के बाद, जिसमें शेयरों ने घाटे के साथ कारोबार शुरू किया, कंपनी के शेयर में तेजी से उछाल आया और यह दिन के कारोबार में 11 प्रतिशत तक चढ़ गया। इस उतार-चढ़ाव ने बाजार का ध्यान खींचा, जो शुरुआती सतर्कता और। कंपनी की संभावनाओं में अंतर्निहित निवेशक विश्वास दोनों को दर्शाता है।
शुरुआती झटका और त्वरित वापसी
लिस्टिंग का दिन कैपिलरी टेक्नोलॉजीज के लिए गिरावट के साथ शुरू हुआ। BSE पर, शेयर 560 रुपये पर सूचीबद्ध हुए, जो 577 रुपये के IPO मूल्य की तुलना में 2. 9 प्रतिशत का घाटा था और इसी तरह, NSE पर, स्टॉक 571. 90 रुपये पर खुला, जो 0. 88 प्रतिशत का घाटा था। इस शुरुआती गिरावट ने शुरुआती निवेशकों के बीच चिंता पैदा की होगी और हालांकि, बाजार का रुख तेजी से बदल गया। सुस्त शुरुआत के बाद, शेयरों ने महत्वपूर्ण ऊपरी गति का प्रदर्शन किया, BSE पर 13 प्रतिशत और NSE पर लगभग 11 प्रतिशत तक चढ़ गए। इस त्वरित वापसी ने एक मजबूत अंतर्निहित मांग और निवेशकों द्वारा सकारात्मक पुनर्मूल्यांकन का संकेत दिया।
समापन प्रदर्शन और IPO विवरण
कारोबार समाप्त होने तक, कैपिलरी टेक्नोलॉजीज के शेयर अपने लिस्टिंग मूल्य से काफी ऊपर स्थिर हो गए थे। BSE पर, स्टॉक 606. 90 रुपये पर बंद हुआ, जो इसके लिस्टिंग मूल्य से 8 और 38 प्रतिशत की प्रभावशाली बढ़त थी। NSE पर, यह 601. 10 रुपये पर स्थिर हुआ, जो इसके शुरुआती मूल्य से 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी का 877 और 70 करोड़ रुपये का सार्वजनिक निर्गम 14 से 18 नवंबर के बीच सदस्यता के लिए खुला था। इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, और यह 52. 98 गुना सब्सक्राइब हुआ। IPO में 0. 60 करोड़ नए शेयर जारी किए गए, जिनकी कीमत 345. 20 करोड़ रुपये थी, और 0. 92 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) था, जिसकी कीमत 532. 50 करोड़ रुपये थी।
कंपनी की पृष्ठभूमि और प्रमोटर
बेंगलुरु में मुख्यालय वाली कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंडिया की स्थापना 2008 में हुई थी। एक सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (SaaS) प्रदाता के रूप में, यह तेजी से बढ़ते क्षेत्र में काम करती है, तकनीकी समाधान प्रदान करती है। कंपनी के प्रमोटर कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और अनीश रेड्डी बोद्दू हैं। IPO से पहले, कंपनी ने एंकर निवेशकों से सफलतापूर्वक 393. 98 करोड़ रुपये जुटाए, जो इसके व्यापार मॉडल और भविष्य के विकास पथ में संस्थागत रुचि और विश्वास का प्रमाण है।
वित्तीय प्रदर्शन का अवलोकन
कंपनी ने मजबूत वित्तीय वृद्धि का प्रदर्शन किया है। वित्तीय वर्ष 2025 के लिए, कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंडिया ने राजस्व में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो 611. 87 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और इसी अवधि के दौरान, कंपनी ने 14. 15 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। अधिक हालिया प्रदर्शन को देखते हुए, अप्रैल-सितंबर 2025 की अवधि के लिए, राजस्व 362. 56 करोड़ रुपये था, जिसमें 1. 03 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कंपनी पर 88. 94 करोड़ रुपये का कर्ज था और ये आंकड़े एक प्रतिस्पर्धी बाजार में कंपनी के परिचालन पैमाने और लाभप्रदता को उजागर करते हैं।
IPO आय का रणनीतिक उपयोग
IPO के नए शेयर जारी करने से प्राप्त धन को कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंडिया के विकास और परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से कई रणनीतिक पहलों के लिए निर्धारित किया गया है। एक महत्वपूर्ण हिस्सा क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर लागत के वित्तपोषण के लिए आवंटित किया जाएगा, जो एक SaaS कंपनी की स्केलेबिलिटी और सेवा वितरण के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, कंपनी अपने उत्पादों और प्लेटफार्मों के अनुसंधान, डिजाइनिंग और विकास में निवेश करने की योजना बना रही है, जिससे निरंतर नवाचार और प्रतिस्पर्धी लाभ सुनिश्चित होगा और धन का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम की खरीद के लिए भी किया जाएगा, जिससे इसकी तकनीकी रीढ़ मजबूत होगी। इसके अलावा, कंपनी अज्ञात अधिग्रहणों के माध्यम से अकार्बनिक विकास को वित्तपोषित करने का इरादा रखती है, जो एक आक्रामक विस्तार रणनीति का संकेत है और शेष धन का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जो विभिन्न परिचालन और रणनीतिक आवश्यकताओं के लिए लचीलापन प्रदान करेगा। सफल लिस्टिंग और उसके बाद की वापसी कैपिलरी टेक्नोलॉजीज की भविष्य की क्षमता और विकास और विस्तार के लिए इसकी रणनीतिक योजनाओं में बाजार के विश्वास को रेखांकित करती है।