इंडिया / राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने में जल्दबाजी नहीं करेगी केंद्र सरकार

AMAR UJALA : Nov 10, 2019, 12:16 PM
नई दिल्ली | केंद्र सरकार को अयोध्या में मंदिर निर्माण का रोडमैप तैयार करने के लिए ट्रस्ट का गठन में खासी माथापच्ची करनी होगी। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने ट्रस्ट में भागीदारी का दावा ठोक दिया है। 

साथ ही अखिल भारतीय संत समिति ने कहा है कि राम जन्मभूमि न्यास के पास करोड़ों हिंदुओं की तरफ से इकट्ठा हुई शिला और धन है। लिहाजा ट्रस्ट पहले इन संसाधनों का इस्तेमाल कर उसकी गरिमा को बरकरार रखे। 

उधर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में निर्मोही अखाड़ा से कहा है कि वह ट्रस्ट का हिस्सा बनने के लिए केंद्र सरकार के पास जा सकता है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने जा रही है। संभव है कि सरकार इसके लिए पहले एक कमेटी बनाए। 

कोर्ट ने दिया है सिर्फ 2.77 एकड़ जमीन पर फैसला

इस ट्रस्ट के लिए सरकार को कई कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं पर फैसला करना होगा। साथ ही इसके कई ऐतिहासिक पहलू भी हैं, जिन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 2.77 एकड़ जमीन के मसले पर फैसला दिया है। बाकी बचे 64.23 एकड़ जमीन का क्या होगा इसका फैसला भी ट्रस्ट अपने हाथों में ले सकता है। 

शेष जमीन को केंद्र सरकार ने साल 1993 में अधिगृहीत कर लिया था। इसमें 43 एकड़ जमीन विहिप के पास थी, जिसका उसने मुआवजा नहीं लिया। इस आधार पर विहिप ट्रस्ट में शामिल होने का दावा कर सकता है। इसके अलावा करीब 20 एकड़ जमीन श्री अरविंद आश्रम समेत कई संगठनों की थी। इन्होंने केंद्र से इसका मुआवजा ले लिया था। यह मसला भी ट्रस्ट की जिम्मेदारी बनेगा। उम्मीद है कि आशा मुआवजा लेने के बावजूद यह संगठन जमीन मंदिर के नाम दान कर देंगे।

हिंदुओं ने 1.75 लाख शिलाएं भेजीं : विहिप  

विहिप के मुताबिक देशभर से हिंदुओं ने 1.75 लाख शिलाएं अयोध्या भेजी हैं। इन्होंने छह करोड़ रुपया भी जमा कराया है। विहिप ने अब तक इतनी सामग्री इकट्ठा कर ली है कि मंदिर की एक मंजिल आसानी से तैयार की जा सकती है। विहिप का दावा है कि उसी ने संत-साधु समाज के साथ मिलकर इस आंदोलन की शुरुआत की थी। लाल कृष्ण आडवाणी ने मंदिर निर्माण की राजनीतिक कमान विहिप के हाथों से ही ली थी। लिहाजा मंदिर निर्माण के काम में विहिप को शामिल नहीं करना न्याय संगत नहीं होगा।

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