Bihar Vidhan Sabha / बिहार विधानसभा में नीतीश और तेजस्वी में नोकझोंक, CM बोले- पटना में कोई शाम को निकलता था..

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने वोटर लिस्ट रिविजन और कानून व्यवस्था पर हंगामा किया। तेजस्वी यादव ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए, जबकि सीएम नीतीश ने लालू राज की याद दिलाई। स्पीकर की नाराजगी के बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित हुई।

Bihar Vidhan Sabha: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में लगातार तीसरे दिन भी हंगामे का माहौल रहा। विपक्षी दल, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद), वोटर लिस्ट रिविजन (SIR) और राज्य में कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। सत्र के तीसरे दिन विपक्षी विधायकों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद सदन में तीखी नोकझोंक और हंगामा देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दोनों सदन में मौजूद थे, और दोनों के बीच तीखी बहस हुई। नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए उनके पिता लालू प्रसाद यादव के शासनकाल की कमियों को याद दिलाया।

स्पीकर की टिप्पणी: विरोध लोकतंत्र की आत्मा, लेकिन हिंसा अस्वीकार्य

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ने विपक्ष के रवैये पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा,

"विपक्ष का विरोध लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन विरोध की भाषा और हिंसा सही नहीं है। कल की घटना में सभा सचिवालय के कर्मचारियों को चोट भी लगी, जो निष्ठा से अपनी सेवाएं देते हैं।"

स्पीकर ने विपक्षी विधायकों से संयम बरतने और गरिमामय व्यवहार की अपील की।

तेजस्वी यादव का आरोप: वोटर लिस्ट रिविजन में पारदर्शिता की कमी

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट रिविजन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा,

"लालू जी कहते हैं कि वोट का राज मतलब छोट का राज। संविधान में सभी को 18 साल की उम्र में वोट देने का अधिकार है। हम SIR का विरोध नहीं करते, लेकिन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए। चुनाव आयोग को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए था।"

तेजस्वी ने चार मुख्य बिंदुओं पर सवाल उठाए:

  1. समय: लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी।

  2. दस्तावेज: 11 दस्तावेज मांगे गए, जो गरीबों के पास नहीं हैं। आधार कार्ड को शामिल क्यों नहीं किया गया?

  3. सुप्रीम कोर्ट की सलाह: कोर्ट की फटकार के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ।

  4. पलायन: बिहार के लोग पलायन करते हैं, और चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव कराना है, न कि नागरिकता तय करना।

इस पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा, "नेता प्रतिपक्ष जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।"

नीतीश कुमार का तंज: "पहले क्या बुरा हाल था"

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को जवाब देते हुए राजद शासनकाल की याद दिलाई। उन्होंने कहा,

"तुम्हारे पिताजी और माताजी साथ में थे। पहले क्या था और अब 20 साल बाद क्या है? आज सत्र का तीसरा दिन है, और जल्द ही चुनाव होंगे। देश की जनता तय करेगी कि क्या करना है। हमने शुरू से कितना काम किया है। पहले क्या महिलाओं के लिए कुछ किया गया था? तुम तो बहुत बच्चे थे, तब पटना में कोई शाम को निकलता था? पहले बुरा हाल था।"

नीतीश ने अपने शासनकाल में किए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए राजद पर कानून व्यवस्था को लेकर नाकाम रहने का आरोप लगाया।

स्पीकर की नाराजगी: कार्यवाही स्थगित

सदन में हंगामे के बीच राजद विधायक भाई वीरेंद्र की टिप्पणी से स्पीकर नाराज हो गए। उन्होंने तेजस्वी से कहा,

"नेता प्रतिपक्ष, भाई वीरेंद्र ने जो शब्दों का इस्तेमाल किया, वह कहीं से भी शोभनीय नहीं है। मेरा विनम्र आग्रह है कि आप उनसे खेद प्रकट करने को कहें।"

तेजस्वी ने जवाब दिया, "अगर हमारे पक्ष के किसी सदस्य की बात से ठेस पहुंची है, तो दुख न मानें। ऐसी कोई बात नहीं है।" इस बीच, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के हस्तक्षेप पर स्पीकर ने कहा, "निर्णय हम करेंगे या आप करेंगे?" इसके बाद बढ़ते हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।