Goa Nightclub Fire / गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: 25 की मौत, CM सावंत का सख्त एक्शन, 4 गिरफ्तार, जांच कमेटी गठित

गोवा के अरपोरा गांव में एक नाइट क्लब में सिलेंडर ब्लास्ट से लगी आग में 25 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी और जांच कमेटी के गठन की जानकारी दी। उन्होंने अवैध क्लबों का ऑडिट कर भविष्य के लिए SOP बनाने की बात कही है।

गोवा के अरपोरा गांव में एक नाइट क्लब में हुए भीषण अग्निकांड ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है, जिसमें कम से कम 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। इस दुखद घटना के बाद, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है और एक उच्च-स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। यह घटना शनिवार रात लगभग 11:45 बजे हुई, जब क्लब में सिलेंडर ब्लास्ट के बाद आग लग गई, जिससे एक भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई।

आग लगने का प्रारंभिक कारण और जांच कमेटी का गठन

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रविवार शाम को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले पर सरकार के कड़े रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में क्लब के चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोदक, जनरल मैनेजर विवेक सिंह, बार मैनेजर राजवीर सिंघानिया और गेट मैनेजर प्रियांशु ठाकुर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के खिलाफ भी प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है और उनकी गिरफ्तारी भी जल्द होने की उम्मीद है और मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि रोमियो लेन पर स्थित एक अन्य क्लब को पहले ही सील कर दिया गया है, जो यह दर्शाता है कि सरकार अवैध रूप से संचालित होने वाले किसी भी नाइट क्लब या व्यवसाय के प्रति कोई नरमी नहीं बरतेगी।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आग लगने का कारण क्लब के अंदर फोड़े गए “इलेक्ट्रिक पटाखे” हो सकते हैं, जिससे आग तेजी से फैली और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इस गंभीर घटना की तह तक जाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, मुख्यमंत्री ने दो अलग-अलग जांच कमेटियों के गठन की घोषणा की है। पहली कमेटी राजस्व सचिव की अध्यक्षता में बनाई जाएगी, जिसका मुख्य कार्य ऐसे सभी क्लबों, व्यावसायिक स्थानों और अन्य जगहों का ऑडिट करना होगा, जो बिना वैध अनुमति के चल रहे हैं और जहां बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की संभावना है और यह कमेटी ऐसी सभी जगहों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी तैयार करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों।

विस्तृत जांच और सुरक्षा उपायों पर जोर

दूसरी कमेटी, जो घटना की विस्तृत जांच करेगी, उसमें साउथ गोवा कलेक्टर, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के डिप्टी डायरेक्टर और फोरेंसिक लेबोरेटरी के डायरेक्टर शामिल होंगे। इस कमेटी को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य प्रशासन और गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं ताकि स्थिति की समीक्षा की जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने सभी क्लबों, रेस्टोरेंटों और अन्य व्यावसायिक जगहों के लिए एक परामर्शी जारी की है, जहां अधिक लोग आते हैं, ताकि वे वैध अनुमति और आवश्यक सुरक्षा नियमों का पालन करें।

अधिकारियों पर कार्रवाई और मुआवजे की घोषणा

मुख्यमंत्री सावंत ने स्पष्ट किया कि जिन सरकारी अधिकारियों ने क्लब को नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद संचालित होने दिया, उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा और यह कदम सरकारी तंत्र में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके साथ ही, सरकार ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है। इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के सबसे करीबी रिश्तेदार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण फंड से पांच लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। घायलों को भी 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम भी सरकार द्वारा किया जाएगा।

दम घुटने से हुई अधिकांश मौतें

घटनास्थल पर फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज और पुलिस की टीमें तुरंत पहुंचीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि शुरुआती तौर पर दमकलकर्मियों को फर्श पर केवल दो शव मिले थे, लेकिन बाद में किचन से 23 और शव बरामद हुए। यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इन 23 लोगों की मौत दम घुटने से हुई थी, जो दर्शाता है कि आग के धुएं ने कितनी तेजी से लोगों की जान ली और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के सभी नाइट क्लबों और अन्य जगहों को एक एडवाइजरी जारी की जाएगी, जिसमें उनसे सुरक्षा के पुख्ता उपाय करने और सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी त्रासदी से बचा जा सके।