राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को डूंगरपुर में आयोजित जनजाति गौरव समारोह में भाग लेकर किसानों, छात्रों और जनजाति समुदायों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं और सौगातें दीं। यह समारोह भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया। था, जिसमें मुख्यमंत्री ने 87 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस अवसर पर, उन्होंने कुल 204 करोड़ रुपये की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की, जिससे हजारों किसानों और जनजाति छात्रों को सीधा लाभ मिला।
किसानों और छात्रों के लिए वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत 53,766 लाभार्थियों को 200 करोड़ रुपये की अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की। यह पहल किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों में सहायता प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। इसके अतिरिक्त, जनजाति छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को पोशाक और स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए 4 करोड़ 8 लाख रुपये की राशि भी डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से हस्तांतरित की गई। यह सुनिश्चित करेगा कि जनजाति छात्र बिना किसी बाधा के अपनी शिक्षा जारी रख सकें और उन्हें आवश्यक सामग्री समय पर मिल सके। कुल मिलाकर, यह 204 करोड़ रुपये का सीधा वित्तीय हस्तांतरण राज्य के किसानों और जनजाति छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
जनजाति क्षेत्रों में विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर में 87 करोड़ रुपये के कुल विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया और इसमें 25 करोड़ रुपये के 31 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल था, जो पहले ही पूरे हो चुके थे और अब जनता को समर्पित किए गए। वहीं, 62 करोड़ रुपये के 31 नए विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया, जिनकी शुरुआत जल्द ही की जाएगी और ये परियोजनाएं जनजाति क्षेत्र और आदिवासियों के समग्र विकास को गति देंगी, जिसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक सेवाओं में सुधार शामिल है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जनजाति समुदायों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना और उन्हें मुख्यधारा में लाना है।
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण पहल
समारोह के दौरान, मुख्यमंत्री ने राजीविका की महिला समूहों को 31 करोड़ रुपये के ऋण के चेक भी प्रदान किए। यह पहल महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। इसके साथ ही, लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत संकल्प पत्र प्रदान किए गए और प्रतीकात्मक रूप से 3 महिलाओं की गोद भराई की रस्म भी निभाई गई। ये कदम महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, विशेषकर जनजाति क्षेत्रों में जहां ऐसी पहल का गहरा प्रभाव पड़ता है।
दिव्यांगजनों को सहायता और गतिशीलता उपकरण
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से मुख्यमंत्री ने 19 दिव्यांगों को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी व्हील चेयर प्रदान की। इसके अलावा, 40 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल भी बांटी गई। ये उपकरण दिव्यांग व्यक्तियों को अधिक गतिशीलता और स्वतंत्रता प्रदान करेंगे, जिससे वे अपने दैनिक जीवन के कार्यों को अधिक आसानी से कर सकेंगे और समाज में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। यह पहल दिव्यांगजनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जनजाति युवाओं के लिए शिक्षा और कौशल विकास
शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए, मुख्यमंत्री ने कई नई पहलों की शुरुआत की। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही 60 जनजाति छात्राओं के लिए जयपुर में एक आवासीय बैच की शुरुआत की गई। यह उन्हें बेहतर कोचिंग और सुविधाएं प्रदान करेगा ताकि वे सरकारी नौकरियों में सफल हो सकें। जनजाति युवाओं के लिए जयपुर में निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण की भी शुरुआत की गई, जिससे उन्हें रोजगार योग्य कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा में प्रशिक्षण ध्यान केंद्र पर RS-CIT कोर्स की शुरुआत की गई है,। जो जनजाति युवाओं को डिजिटल साक्षरता और कंप्यूटर कौशल प्रदान करेगा, जिससे उनके लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
मुख्यमंत्री का संबोधन और जनजाति गौरव का सम्मान
राज्य स्तरीय जनजाति गौरव समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आदिवासियों ने सदियों से हमारी प्रकृति और संस्कृति को सहेजा है, और यह हमारा गौरव है। उन्होंने जल, जंगल और जमीन से संतुलन बनाकर दुनिया को जीना सिखाया है। मुख्यमंत्री ने जनजाति वीर महापुरुषों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी वजह से ही आज देश और दुनिया में हमारी प्रकृति जीवित है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को याद किया, जिन्होंने 15 साल की उम्र। में ही अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर देश में आजादी की क्रांति जगाई। उन्होंने वागड़ में आदिवासी संत गोविंद गुरु महाराज का भी उल्लेख किया, जिन्होंने मानगढ़ धाम से आवाज उठाई थी। मुख्यमंत्री ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती का भी जिक्र किया, जिन्होंने देश की 562 रियासतों को एक कर एकता का संदेश दिया था। इन ऐतिहासिक संदर्भों के माध्यम से, मुख्यमंत्री ने जनजाति समुदाय के योगदान। और बलिदान को रेखांकित किया और उनके गौरवशाली इतिहास को याद किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्री भोगीलाल पंड्या राजकीय महाविद्यालय मैदान में विभिन्न विभागों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जहां उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं और पहलों की जानकारी ली और यह समारोह जनजाति समुदायों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और उनके सर्वांगीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन सौगातों और पहलों से जनजाति क्षेत्रों में विकास की नई राह खुलेगी और हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।