हौसले को सलाम / बुखार होने के बावजूद ड्यूटी पर थे दिल्ली हिंसा में मारे गए कॉन्स्टेबल रतनलाल

Dainik Bhaskar : Feb 25, 2020, 11:25 AM
नई दिल्ली | रतनलाल हेड कॉन्स्टेबल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। वह दिल्ली पुलिस में साल 1998 में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती गोकुलपुरी सब डिवीजन के एसीपी अनुज के ऑफिस में थी। रतनलाल के बारे में जानकारी मिली है कि वह साेमवार काे बुखार होने के बावजूद ड्यूटी पर थे। उनके परिवार में बारह साल की बेटी सिद्धि, दस साल की बेटी कनक और सात साल का बेटा राम है। रतनलाल की पत्नी पूनम ने कहा पहले उन्हें टीवी देखकर पता चला था। इस बीच पुलिस की ओर से बताया गया कि वह जख्मी हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद रतनलाल के भाई और परिवार के अन्य लोग दिल्ली आ गए।

रिटायर्ड पुलिस अधिकारी बोले- घटना दिल्ली पुलिस की नाकामी

दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि हिंसा की यह घटना पुलिस की बड़ी नाकामी है। इस पूरे मामले को लेकर शुरू ही पुलिस का रवैया ढुलमुल रहा। एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने कहा कि शाहीनबाग में जिस दिन लोगों ने सड़क ब्लॉक की थी, तभी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी। रिटायर्ड अधिकारी ने कहा पुलिस सिर्फ इस बात को लेकर डरती रही कि कहीं माहौल खराब न हो जाए। ऊपर से चुनाव के नजदीक होने और सड़क के इस मुद्दे का सियासी रंग लेने की वजह से पुलिस अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन नहीं किया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर पुलिस कमिश्नर तक अलर्ट

हिंसक घटना को गृह मंत्रालय ने बेहद गंभीरता से लिया है। दिनभर हुए बवाल को लेकर पुलिस से लगातार जानकारी ली जाती रही। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। सीनियर पुलिस अफसर मौके पर तैनात हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक कंट्रोल रुम से हालात का जायजा लेते रहे। मंत्री गोपाल राय देर रात एलजी से मिलने उनके घर गए।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER